कंप्यूटर पर निबंध : Essay on Computer in Hindi
निबंध
कम्प्यूटर की उपयोगिता
अथवा
कम्प्यूटर के क्षेत्र में भारत की प्रगति
“किसमें इतनी शक्ति, साथ जो कदम धर सके ।
गति न पवन की भी, जो मुझसे होड़ कर सके ।”
[ रूपरेखा — 1. प्रस्तावना : एक परिचय, 2. कम्प्यूटर का इतिहास, 3. कम्प्यूटर क्या है ? 4. कम्प्यूटर का उपयोग, 5. उपसंहार ।
(1). प्रस्तावना:–– आज का मानव तकनीकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए बेतहाशा व्याकुल है । प्रतिपल उसकी यही आकांक्षा रहती है कि इस क्षेत्र में नये कीर्तिमान किस प्रकार स्थापित किये जायें। आजकल संस्थाओं तथा उद्योग-धन्धों में कम्प्यूटर का प्रयोग विशाल पैमाने पर हो रहा है। कम्यूटर सूचनाएँ एकत्र करने के साथ ही उनसे निष्कर्ष भी निकालता है जो मानव के लिए बहुत लाभकारी तथा मार्गदर्शक प्रमाणित होते हैं। ये एक प्रकार से मानव के मस्तिष्क का ही
अतिरूप है। भारत ने कम्प्यूटर के क्षेत्र में पर्याप्त प्रगति की है।
(2).कम्प्यूटर का विकास एवं इतिहास:–– यह बात 1000 ई. पू. की है जब जापान ने ऐसेकस नामक यन्त्र तैयार किया। इसके माध्यम से गणित के प्रश्नों को हल किया जाता था। फ्रांस में एक प्रतिभाशाली युवक का जन्म हुआ जिसका नाम ब्लेन पैसकल था। इसने सन् 1673 ई. मे कम्प्यूटर को बनाकर तैयार किया। इस कम्प्यूटर से छोटे-छोटे पहिए सम्बद्ध थे।
आधुनिक कम्प्यूटर के आविष्कार का श्रेय इंग्लैण्ड के चार्ल्स बैबेज को जाता है। यह बहुत ही कुशल गणितज्ञ था। उन्होंने यह कार्य 1833 ई. में सम्पन्न किया। कम्प्यूटर की लोकप्रियता एवं दूरगामी परिणामों से प्रभावित होकर भारत सरकार ने भी सन् 1965 ई. में इसका आयात किया। उस समय इसका मूल्य बहुत बढ़ा-चढ़ा था। सन् 1985 में निजी कम्प्यूटर का आगमन हुआ जो बहुत ही महँगा साबित हुआ। सौभाग्यवश सन् 1986 ई. में पूर्व के लगभग आधे मूल्य में इसका आयात किया गया। अब इसका उपयोग शिक्षा क्षेत्र में भी व्यापक एवं विशाल पैमाने पर किया जा रहा है।कम्प्यूटर खुद गणना करके दुरूह समस्याओं का निपटारा चन्द मिनटों में कर रहा है।
(3)कम्प्यूटर क्या है ?–– कम्प्यूटर एक यान्त्रिक मस्तिष्क है, जिसमें अनेक प्रकार की गणित विषयक सूत्रों एवं तथ्यों का संचालन कार्यक्रम पहले से ही सम्पादित कर देना पड़ता है। कम्प्यूटर बहुत ही अल्पावधि में गणना करके तथ्यों को नेत्रपटल के समक्ष उपस्थित कर देता है। कम्प्यूटर की व्यापकता - आज कम्प्यूटर इतना उपयोगी हो गया है कि घर से लेकर बाहर तक के सभी क्षेत्रों में उसकी व्यापकता है ।
● शिक्षा में -– शिक्षा में आज कम्प्यूटर अनिवार्य हो गया है। अध्ययन और अध्यापन,
पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कार्यालय आदि कोई क्षेत्र इसके प्रयोग से अछूता नहीं है।
● मनोरंजन में— कम्प्यूटर मनोरंजन के साधन के रूप में बड़ा लोकप्रिय हो रहा है वीडियो गेम, फोटोग्राफी कौशल, फिल्म तैयार करने आदि में कम्प्यूटर की महती उपयोगिता है।
(4). दैनिक प्रयोग में:–– आज जीवन के हर कार्य में कम्प्यूटर उपयोगी सिद्ध हो रहा है। वकील,अपने कानून तथा मुकदमे कम्प्यूटर में फीड कर देते हैं, डॉक्टर तो नित्य प्रति इसका सहारा आपरेशन आदि में लेते हैं। व्यापारी अपना हिसाब, गोदाम, खपत आदि सब कुछ कम्प्यूटर के द्वारा ही संभालते हैं।
(5). उद्योगों में:–– औद्योगिक क्षेत्र में मशीनों तथा कारखानों का संचालन करने के लिए कम्प्यूटर को प्रयोग में लाया जा रहा है।
(6).संचार माध्यमों में:–– सूचना एवं समाचार के सन्दर्भ में- सूचना एवं समाचार प्रेषण के सन्दर्भ में भी कम्प्यूटर महती सेवा कर रहा है। 'कम्प्यूटर नेटवर्क' के द्वारा विश्व भर के नगर एक-दूसरे से एक परिवार की भाँति जुड़ गये हैं।
(7). बैंकिंग के क्षेत्र में:–– बैंकों में हिसाब-किताब रखने के लिए कम्प्यूटर का पर्याप्त मात्रा में प्रयोग हो रहा है। यही नहीं घर के कम्प्यूटरों को बैंकों के कम्प्यूटरों से सम्बद्ध कर दिया जाता है।
(8).विज्ञान के क्षेत्र में:–– आज अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कम्प्यूटर राम बाण सिद्ध हुआ है। इसके द्वारा अन्तरिक्ष के विशाल पैमाने पर चित्र एकत्र किये जा रहे हैं।
आज जिन्दगी का कोई भी ऐसा पहलू शेष नहीं बचा है जिसमें कम्प्यूटर का प्रयोग नहीं हो रहा हो। इससे वायुयानों तथा रेलों में आरक्षण सम्पन्न किया जा रहा है। चाहे चिकित्सा हो,चुनाव हो, युद्ध का मैदान हो एवं मौसम विषयक जानकारी हासिल करनी हो कम्प्यूटर एक स्वामिभक्त सेवक की भाँति आपकी प्रतिपल सेवा करने को उद्यत है।
यद्यपि कम्प्यूटर मानव मस्तिष्क की तुलना में कार्य को बहुत कम समय में सम्पन्न कर लेता है, परन्तु यह मशीन मात्र है। अतः इसमें मानवीय भावनाओं, विचारों तथा संवेगों का नितान्त अभाव रहता है।
(9).कम्प्यूटर की अनिवार्यता :— धीरे-धीरे हर क्षेत्र में कम्प्यूटर अनिवार्य हो जायेगा। भारतवर्ष में एक प्रकार से कम्प्यूटर युग का ही आगमन हो रहा है। भविष्य में व्यवहार, दोस्ती, मिलन तथा आपसी शिष्टाचार का ढंग भी हमें कम्प्यूटर प्रदत्त करेगा। यह एक प्रकार से मानव के अस्तित्व के लिए एक खतरा है। कम्प्यूटर सैकड़ों मनुष्य का कार्य अकेले ही पूरा करके सैकड़ों मानवों के पेट पर लात मार रहा है। यह देश की धरती पर बेरोजगारों की संख्या में बढ़ोत्तरी कर रहा है। उपलब्ध आँकड़ों में तनिक-सा भी हेर-फेर करे कराये पर पानी फेर देता है।
(10).उपसंहार: — कम्प्यूटर का प्रयोग कीजिए, परन्तु सावधानी से । इसे स्वामी न समझकर सेवक के रूप में अंगीकार कीजिये। इसके ऊपर सीमा से अधिक निर्भर रहना मानव मस्तिष्क की अवहेलना करना है । इस देश की धरती पर स्वामी विवेकानन्द, दयानन्द सरस्वती तथा स्वामी रामतीर्थ जैसे महान् मनीषी जन्म धारण कर चुके हैं जिनके समक्ष 'कम्प्यूटर' कहीं भी नहीं ठहरता है।
आशा है 'कम्प्यूटर' के प्रयोग में भारत तकनीकी, औद्योगिक एवं वैज्ञानिक क्षेत्र में प्रविष्ट होकर एक नये युग का सूत्रपात करेगा। आज जो विकसित राष्ट्र अपनी प्रगतिशीलता एवं समृद्धि का राग अलाप रहे हैं, उनके साथ भारतवर्ष अग्रिम पंक्ति में खड़ा होकर उच्च स्वर में घोषणा करेगा ।
“मानस सबसे बड़ा रहेगा,
सबसे ऊँची लिए पताका,
सदा हिमालय खड़ा रहेगा।"