तंत्रिका कोशिका संरचना और कार्य लिखिए/write nerve cell structure and function
नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम प्रतिवर्ती क्रिया किसे कहते हैं?, प्रतिवर्ती क्रिया की क्रियाविधि, प्रतिवर्ती क्रिया की संरचना,मनुष्य में प्रतिवर्ती क्रिया किस प्रकार होती है?,प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?,अनैच्छिक क्रिया तथा प्रतिवर्ती क्रिया में अंतर लिखिए।,तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए।,तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के कार्यों को लिखिए। देखेंगे क्योंकि यह बहुत ही परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रश्न है इसलिए इस पोस्ट को आपको पूरा जरूर पढ़ना चाहिए।
तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर– तंत्रिका कोशिका का चित्र निम्नलिखित है–
तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के कार्यों को लिखिए।
उत्तर:– तंत्रिका कोशिका के कार्य निम्नलिखित हैं–
तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के कार्य/Function of nerve cell:–
(1). यह शरीर में होने वाली सभी ऐच्छिक तथा अनैच्छिक क्रियाओं का नियमन एवं नियंत्रण करता है।
(2). इसके संवेदी अंगों के द्वारा बाहरी वातावरण में होने वाली क्रियाओं को प्राप्त करता है।
(3). प्रतिवर्ती क्रिया द्वारा शरीर की रक्षा करता है।
(4). यह शरीर के सभी ऊतकों एवं अंगों में समन्वय स्थापित करता है।
(5). यह आंतरिक वातावरण का नियंत्रण करता है।
(6). मस्तिष्क से सूचना का आदान प्रदान और विश्लेषण करना हैं।
प्रतिवर्ती क्रिया से आप क्या समझते हैं? प्रक्रिया (क्रियाविधि) को चित्र द्वारा समझाइए।
अथवा
प्रतिवर्ती क्रिया को चित्र सहित समझाइए।
अथवा
प्रतिवर्ती चाप का नामांकित चित्र बनाइए।
अथवा
मनुष्य में प्रतिवर्ती क्रिया किस प्रकार होती है?
प्रतिवर्ती क्रिया:– मनुष्य या प्राणियों के शरीर में अनैच्छिक क्रियाएं जो कि किसी प्रेरणा या उद्दीपनों या फिर किसी प्रतिक्रिया के रूप में होती है, प्रतिवर्ती क्रिया कहलाती है।
प्रक्रिया (क्रियाविधि):– प्रतिवर्ती क्रिया का संचालन मेरुरज्जु के द्वारा होता है प्रतिवर्ती क्रिया में कोई भी संवेदना या प्रेरणा या वातावरणीय प्रभाव मेरुरज्जु तंत्रिका में पाए जाने वाले संवेदी तंतुओं में से कुकर प्रेस्टीज मूल के द्वारा मेरुरज्जु में पहुंच जाती है। कोशिकाकाय या साइटॉन के एक्सॉन प्रेरणा या संवेदना को मेरुरज्जु के धूसर द्रव्य में ले जाते हैं। धूसर द्रव्य में से प्रेरणा या संवेदना चालक तंत्रिका में पहुंच जाती है चालक तंत्रिका मेरुरज्जु तंत्रिका के आधारीय मूल से निकलकर पेशियों में जाकर विभाजित हो जाती है पेशी प्रेरणा या उद्दीपन के अनुसार कार्य करती है।
उदाहरण– तीव्र प्रकाश में पलकों का झपकना, पैर या हाथ में नुकीली वस्तु के चुगने पर हाथ या पैर को यकायक हटा लेना आदि।
प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?
उत्तर:– प्रतिवर्ती क्रिया मेरुरज्जु द्वारा संचालित एवं नियंत्रित होती है। ग्राही अंग (त्वचा में ऊष्मा/ दर्द) से संवेदना संवेदी तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा मेरुरज्जु तक लाई जाती है तथा प्रेरक तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा कार्य करने वाली पेशी को संदेश भेजा जाता है मस्तिष्क का प्रतिवर्ती क्रिया मैं कोई कार्य नहीं है केवल संदेश मस्तिष्क तक पहुंचाती है।
अनैच्छिक क्रिया तथा प्रतिवर्ती क्रिया में अंतर लिखिए?
अनैच्छिक क्रिया तथा प्रतिवर्ती क्रिया में अंतर
तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर–
तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के कार्यों को लिखिए।
उत्तर:– तंत्रिका कोशिका के कार्य निम्नलिखित हैं–
(1). यह शरीर में होने वाली सभी ऐच्छिक तथा अनैच्छिक क्रियाओं का नियमन एवं नियंत्रण करता है।
(2). इसके संवेदी अंगों के द्वारा बाहरी वातावरण में होने वाली क्रियाओं को प्राप्त करता है।
(3). प्रतिवर्ती क्रिया द्वारा शरीर की रक्षा करता है।
(4). यह शरीर के सभी ऊतकों एवं अंगों में समन्वय स्थापित करता है।
(5). यह आंतरिक वातावरण का नियंत्रण करता है।
(6). मस्तिष्क से सूचना का आदान प्रदान और विश्लेषण करना हैं।