प्रतिहिस्टैमिन क्या है? उदाहरण सहित समझाइए/What is an antihistamine? Explain with examples.
प्रश्न:- निम्न को समझाइए-
(1) प्रति हिस्टैमिन(Anti Histemine)
(2) सल्फा औषधियां(Sulpha)
(3) प्रतिजैविक(Anti Biotic)
प्रश्न 1.:- प्रतिहिस्टैमिन क्या है? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:-
प्रति हिस्टैमिन(Anti Histemine):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जिनका उपयोग एलर्जिक रोगों जैसे खांसी, छींकना, खुजली, जुकाम आदि के उपचार में किया जाता है प्रति हिस्टैमिन कहलाते हैं क्योंकि एलर्जी शरीर में हिस्टैमिन के स्त्रावित होने के कारण उत्पन्न होती है इसलिए इन औषधियों को एण्ट्री हिस्टैमिन भी कहते हैं इन्हें एंटी एलर्जिक औषधियां भी कहते हैं। सामान्य तौर पर प्रयुक्त होने वाली कुछ एंटी एलर्जिक औषधियाँ एण्टरगन सिट्रीजन, प्रोमेथाजीन, एविल, वेनेड्रिल आदि है।
प्रश्न 2 :- सल्फा औषधियाँ क्या है? उदाहरण सहित लिखिए?
उत्तर:-
सल्फा औषधियाँ (Sulpha drugs ):- सल्फर युक्त योगिक प्रति संक्रामक और कीटाणु नाशक होते हैं इसलिए इनका उपयोग एण्ट्रीबायोटिक के स्थान पर किया जाता है इन्हें प्रयोगशाला में संश्लेषित किया जा सकता है यह एंटीबायोटिक के समान अनेक प्रकार के सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देते हैं। जैसे- सल्फा पिरीडीन, सल्फा एसीटामाइड, सल्फा गुआनिडीन आदि ।
प्रश्न :- प्रति जैविक अथवा एंटीबायोटिक क्या है उदाहरण सहित लिखिए?
उत्तर-
(3) प्रतिजैविक (Anti Biotic):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जो सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पन्न होते हैं तथा दूसरे सूक्ष्मजीवों के लिए विषैले होते हैं अर्थात उन्हें नष्ट कर देते हैं या उनकी वृद्धि को रोकते हैं एंटीबायोटिक या प्रतिजैविक कहलाते हैं। जैसे-पेनिसिलिन, टेट्रासाइक्लिन, एस्ट्रेप्टोमाइसिन, क्लोरैम्फेनिकॉल आदि।
प्रश्न :- एंटीबायोटिक या प्रतिजैविक क्या है प्रमुख एंटीबायोटिक औषधियों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
एंटीबायोटिक या प्रतिजैविक:- ऐसे रासायनिक पदार्थ जो सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पन्न होते हैं तथा दूसरे सूक्ष्मजीवों के लिए विषैले होते हैं अर्थात उन्हें नष्ट कर देते हैं या उनकी वृद्धि को रोक देते हैं। एंटीबायोटिक या प्रतिजैविक कहलाते हैं।जैसे- पेनिसिलीन, क्लोरैम्फेनिकॉल, स्ट्रेप्टोमाइसिन, इरिथ्रोमाइसिन आदि।
प्रमुख एंटीबायोटिक या प्रतिजैविक औषधियाँ निम्नलिखित हैं-
(1) पेनिसिलीन:- यह सबसे पहला प्रतिजैविक है जिसकी खोज एलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने की थी। इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह अनेक योगिक का मिश्रण होता है। इसका उपयोग निमोनिया, व्रोन्काइटिस तथा गले के संक्रमण में किया जाता है।
(2)क्लोरैम्फेनिकॉल:- यह ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक है इसका व्यापारिक नाम क्लोरोमाइसेटिन है। इसका उपयोग टायफाइड, पैरा- टायफाइड, कुकर खांसी, मूत्र नलिका के संक्रमण में किया जाता है।
(3)स्ट्रेप्टोमाइसिन:- इसका उपयोग T.V. वृक्क, गले और फेफड़ों के संक्रमण में किया जाता है।
(4) इरिथ्रोमाइसिन:- इसका उपयोग निमोनिया के उपचार में किया जाता है।
प्रश्न :- एस्प्रिन का उपयोग खाली पेट नहीं करना चाहिए क्यों?
उत्तर:- एस्प्रिन का गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट द्वारा अवशोषण कर लिया जाता है अमाशय में इसके जल अपघटन से सेलिसिलिक अम्ल उत्पन्न होता है अतः एस्प्रिन को खाली पेट लेने से कुछ दुष्प्रभाव जैसे- पेट में अल्सर तथा एलर्जिक क्रियाएँ जैसे- प्यास लगना, अत्यधिक पसीना आना, उल्टी, ब्लड प्रेसर में कमी आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं इसलिए एस्प्रिन का उपयोग खाली पेट नहीं करना चाहिए।
प्रश्न :- प्रतिसूक्ष्म जैविक या एंटीमाइक्रोवियल औषधियाँ क्या है?
उत्तर:- ऐसे रासायनिक पदार्थ जिनका उपयोग विभिन्न सूक्ष्मजीवों जैसे- जीवाणु ,विषाणु, कवक आदि से उत्पन्न रोगों के उपचार में किया जाता है प्रति-सूक्ष्म जैविक या एंटीमाइक्रोवियल औषधियाँ कहलाती हैं।
इन्हें दो वर्गों में बांटा गया है-
(1) सल्फा औषधियाँ (Suljha drugs)
(2) प्रतिजैविक औषधियाँ (Anti Biotic)
(1) सल्फा औषधियाँ:- सल्फर युक्त योगिक प्रति संक्रामक और कीटाणुनाशक होते हैं। इसलिए इनका उपयोग एण्ट्रीबायोटिक के स्थान पर किया जाता है इन्हें प्रयोगशाला में संश्लेषित किया जा सकता है यह एंटीबायोटिक के समान अनेक प्रकार के सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देते हैं। जैसे-सल्फा पिरीडीन, सल्फा एसीटामाइड आदि।
(2) प्रतिजैविक औषधियाँ:- ऐसे रासायनिक पदार्थ जो सूक्ष्मजीवो द्वारा उत्पन्न होते हैं तथा दूसरे सूक्ष्मजीवो के लिए विषैले होते हैं अर्थात उन्हें नष्ट कर देते हैं या उनकी वृद्धि को रोक देते हैं प्रतिजैविक औषधियाँ या एंटीबायोटिक कहलाते हैं। जैसे- पेनिसिलीन, इरिथ्रोमाइसिन, टेट्रासाइक्लिन आदि।