वर्गिकी किसे कहते हैं? इसके लाभ, विशेषताएँ/What is taxonomy? Its benefits, features
प्रश्न:- वर्गिकी किसे कहते हैं इसके लाभ लिखिए
अथवा
प्रश्न :- वर्गिकी क्या है? इसकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर:- वर्गिकी:- जीवो को उनकी समानता और विषमताओं के आधार पर वर्गीकृत करना वर्गिकी कहलाता है। कैण्डोले को वर्गिकी का पिता कहा जाता है और कैरोलस लीनियस को आधुनिक वर्गिकी का पिता कहा जाता है उन्होंने जीवो के द्विनाम पद्धति पर वर्गीकृत किया।
वर्गिकी के लाभ :-
(1) जैव विविधा का ज्ञान होता है।
(2) जीव धारियों की उत्पत्ति और परस्पर संबंध का पता चलता है।
(3) जीव धारियों में विकास के क्रम और प्रमाण का ज्ञान होता है
(4) जीवो का अध्ययन करने में सहायता मिलती है।
(5) जीवो के गुणों में विभिन्नता का अध्ययन करने में वर्गिकी का अध्ययन होता है।
वर्गिकी कु विशेषताएँ:–
(1) जैव विविधा का ज्ञान होता है।
(2) जीव धारियों की उत्पत्ति और परस्पर संबंध का पता चलता है।
(3) जीव धारियों में विकास के क्रम और प्रमाण का ज्ञान होता है
(4) जीवो का अध्ययन करने में सहायता मिलती है।
(5) जीवो के गुणों में विभिन्नता का अध्ययन करने में वर्गिकी का अध्ययन होता है।
प्रश्न :- पाँच जगत वर्गीकरण क्या है? इसकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर:- पाँच जगत वर्गीकरण:- व्हिटेकर ने जीव जगत को पांच जगत प्रणाली में विभाजित किया है जो निम्नलिखित है-
(1) मोनेरा जगत
(2) प्रोटिस्टा जगत
(3) कवक जगत
(4) पादप जगत
(5) जंतु जगत
पांच जगत वर्गीकरण की विशेषताएं( लक्षण):-
(1) यह एक कोशिकीय जीव होते हैं।
(2) इनमें अलैंगिक जनन होता है।
(3) यह सर्वव्यापी होते हैं।
(4) इनमें कोशिका भित्ति पाई जाती है।
(5) यह स्वपोषी, परजीवी, मृतोपजीवी और सहजीवी हो सकते हैं।
प्रश्न :- मोनेरा जगत किसे कहते हैं? इसके सामान्य लक्षण लिखिए।
उत्तर:- जगत मोनेरा:- जगत मोनेरा में प्रोकैरियोटिक जंतु को रखा गया है यह जीव सूक्ष्मतम और सरलतम होते हैं।
मोनेरा जगत के लक्षण:-
(1) यह प्रारूपिक एक कोशिकीय जीव होते हैं।
(2) इनमें केंद्रक कला का अभाव होता है।
(3) इनमें कोशिकीय द्रव में कोशिकांग डूबे हो सकते हैं।
(4) इनमें अलैंगिक जनन होता है।
(5) इनमें कोशिका भित्ति पाई जाती है।
प्रश्न :- जीवाणु क्या है? जीवाणु के लक्षण लिखिए।
उत्तर:- जीवाणु:- जीवाणु को असाधारण परिस्थितियों का जीव माना जाता है क्योंकि यह किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में खुद को बचाये रखते हैं। Antonie van Leeuwenhoek ने पहली बार बैक्टीरिया को देखा और एरेनवर्ग ने वैक्टीरिया नाम दिया।
बैक्टीरिया के लक्षण, गुण या विशेषताएँ:-
(1) यह सर्वव्यापी होते हैं
(2) यह एक कोशिकीय प्रोकैरियोटिक जीव हैं।
(3) यह स्वपोषी, परजीवी, मृतोपजीवी और सहजीवी होते हैं।
(4) इनकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है।
(5) इनमें कशाभिका पाई जाती है।
(6) यह व्दिविखंडन या बीजाणु जनन द्वारा प्रजनन करते हैं।
ग्राम पॉजिटिव बैक्टीरिया और ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया में अंतर