अमीटर और वोल्टमीटर में अंतर/difference between ammeter and voltmeter
प्रश्न :- अमीटर और वोल्टमीटर में अंतर लिखिए?
उत्तर- अमीटर और वोल्टमीटर में अंतर निम्नलिखित है-
चल कुंडली धारामापी क्या है?
उत्तर:– इस प्रकार के धारामापी में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर चुम्बक स्थिर रहती हैं और कुंडली विच्छेपित रहती है।
धारामापी क्या है?
उत्तर:–धारामापी:– यह वह उपकरण है जिसकी सहायता से किसी विद्युत परिपथ में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा की उपस्थिति का पता लगाया जाता हैं ।
प्रश्न :- चल कुंडली धारामापी की चार विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:- चल कुंडली धारामापी की विशेषताएँ निम्नलिखिए-
(1) इसे किसी भी स्थिति में रखकर प्रयोग कर सकते हैं।
(2) इस पर बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र का प्रभाव कम पड़ता है।
(3) इसकी सुग्राहिता अधिक होती है.
(4) इसे अमीटर और वोल्टमीटर में परिवर्तित कर सकते हैं।
(5) इसके दोलन शीघ्र समाप्त हो जाते हैं।
(6) इसमें धारा विक्षेप के अनुक्रमानुपाती होती है। अतः संकेतक द्वारा धारा का मान सीधे ही बडा़ जा सकता है।
चल कुंडली धारामापी के लाभ:– चल कुंडली धारामापी के लाभ निम्नलिखित हैं–
(1) इसे किसी भी स्थिति में रखकर प्रयोग कर सकते हैं।
(2) इस पर बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र का प्रभाव कम पड़ता है।
(3) इसकी सुग्राहिता अधिक होती है.
(4) इसे अमीटर और वोल्टमीटर में परिवर्तित कर सकते हैं।
(5) इसके दोलन शीघ्र समाप्त हो जाते हैं।
(6) इसमें धारा विक्षेप के अनुक्रमानुपाती होती है। अतः संकेतक द्वारा धारा का मान सीधे ही बडा़ जा सकता है।
प्रश्न :- शण्ट किसे कहते हैं इसके उपयोग, लाभ व हानियाँ लिखिए।
उत्तर:-
शण्ट की परिभाषा:- शण्ट कम प्रतिरोध का तार होता है जिसे धारामापी की कुंडली की सुरक्षा के लिए उसके साथ सदैव समांतर क्रम में जोड़ा जाता है।
शंट का सिद्धांत है:– शंट लगाने से धारामापी का प्रभावी प्रतिरोध कम हो जाता है, जिससे धारामापी को विधुत परिपथ में जोड़ने पर परिपथ का प्रतिरोध लगभग अपरिवर्तित रहता है अतः परिपथ की धारा उतनी ही बनी रहती है, जितनी कि धारामापी को जोड़ने से पहले थी ।
शण्ट के उपयोग लिखिए?
शण्ट के उपयोग :- शण्ट के उपयोग निम्नलिखित हैं-
(1) धारामापी की प्रबल और सुरक्षा करने में।
(2)शण्ट का उपयोग करके, धारामापी को अमीटर में बदला जा सकता है।
(3) अमीटर के परास को बढ़ाने के लिए शण्ट का उपयोग किया जाता है।
शण्ट की विशेषताएं लिखिए?
शण्ट की विशेषताएँ:–शण्ट की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं–
(1) धारामापी की प्रबल और सुरक्षा करने में।
(2) धारामापी को अमीटर में रूपांतरित करने में या धारामापी को अमीटर में बदलने में
(3) अमीटर के परास को बढ़ाने के लिए शण्ट का उपयोग किया जाता है।
शण्ट के लाभ लिखिए?
शण्ट के लाभ:- शण्ट के लाभ निम्नलिखित हैं-
(1) धारामापी के साथ शण्ट लगाने पर धारामापी का परिणामी प्रतिरोध कम हो जाता है अतः धारामापी को परिपथ में श्रेणी क्रम में जोड़ने पर परिपथ में बहने वाली धारा के मन में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं होता है।
(2) शण्ट लगाने से बहुत ही कम धारा धारामापी से होकर प्रवाहित होती है अतः कुंडली के जलने या संकेत के क्षतिग्रस्त होने की संभावना नहीं रहती है।
(3) शण्ट को बदलकर धारामापी के परास को बढ़ाया जा सकता है।
शण्ट की हानियाँ लिखिए?
हानियाँ :- शण्ट की हानियाँ निम्नलिखित है– (1). शणट का उपयोग करने से धारामापी की सुग्राहिता कम हो जाती है अतः यदि किसी विद्युत परिपथ में अविक्षेप की स्थिति ज्ञात की जा रही हो तो अविक्षेप की स्थिति के करीब शण्ट को निकाल लेना चाहिए।