जनसंख्या वृद्धि के नियन्त्रण के उपाय लिखिए/Write the measures to control population growth.
जनसंख्या वृद्धि के नियंत्रण के उपाय बताइए
जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण के उपाय (Methods to Control Over Population):–
अतिशय जनसंख्या के रहते कोई देश प्रगति नहीं कर सकता। प्राचीनकाल में प्राकृतिक प्रकोप तथा महामारियाँ जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण रखती थीं, लेकिन विज्ञान ने आज प्राकृतिक प्रकोपों तथा महामारियों से होने वाली जनसंख्या क्षति को रोक दिया है, जिससे मृत्यु दर कम हो गयी है। इस कारण यह आवश्यक हो गया है कि दूसरे स्रोतों से जनसंख्या वृद्धि को रोका जाए। जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण करने वाले प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं–
(1) विवाह की आयु बढ़ाकर:– अपरोक्ष रूप से विवाह का उद्देश्य सन्तानोत्पत्ति भी है। जीव विज्ञान के अनुसार स्त्रियाँ जीवन के पूर्वार्द्ध में अधिक प्रजनन की क्षमता रखती हैं। इस कारण यदि विवाह की आयु बढ़ा दी जाए तो जनसंख्या में कमी आयेगी ।
(2) जन्म दर को कम करके:– जन्म-दर, जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण है। अतः इसे कम करके जनसंख्या वृद्धि को कम किया जा सकता है।
(3) शिक्षा का प्रसार करके:– जनसंख्या वृद्धि का सबसे प्रमुख कारण अशिक्षा है। अशिक्षित होने के कारण आम जनता में अज्ञानता, प्रचलित रूढ़ियों तथा धर्मान्धता का प्रसार होता है, जैसे-
(i) सन्तान भगवान देता है।
(ii) पुत्र पैदा होने से मोक्ष को प्राप्ति होती है।
(iii) कन्यादान करना एक पुण्य का कार्य है।
(iv) अधिक सन्तानें परिवार की आय को बढ़ाती हैं।
(v) सन्तान की देख-रेख भगवान करता है।
(4) लोगों को जनसंख्या वृद्धि की भयावहता को समझाकर भी जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण किया जा सकता है।
(5) परिवार नियोजन के तरीकों का उपयोग करके जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सकता है।
(6) एक-से-अधिक महिलाओं से शादी करने पर प्रतिबन्ध लगाकर भी जनसंख्या वृद्धि को रोकने में सहायता मिलेगी।
यदि उपर्युक्त गलतफहमियों को आम जनता के दिल से निकाल दिया जाए तो वे जनसंख्या वृद्धि को रोक सकते हैं।जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए आम जनता को निम्नलिखित प्रकार से शिक्षित करना चाहिए–
(i) धर्मान्धता को हटाना:– सबसे पहले आम जनता के दिमाग से उपर्युक्त मान्यताओं को निकालना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि सन्तान की पैदाइश को रोकना उनके हाथ में है। वे चाहें तो सन्तान उत्पत्ति को रोक सकते हैं। उन्हें यह समझाना चाहिए कि मोक्ष सन्तान पैदा करने से नहीं बल्कि उनके अच्छे पालन-पोषण से मिलता है।
(ii) छोटे परिवार के महत्व को बताना:–आम जनता को कम सन्तान का महत्व समझाना चाहिए, जिससे वे खुद छोटे परिवार के महत्व को समझ जाएँ। अगर वे छोटे परिवार के महत्व को जान जायेंगे तो स्वयं परिवार छोटा करना चाहेंगे।
(III) अतिशय जनसंख्या की भयावहता को समझाकर:– आम जनता को अतिशय जनसंख्या के कुप्रभावों को भी बताना चाहिए। ऐसा करने से वे जनसंख्या कम करने का प्रयास अपने-आप करेंगे।
(iv) परिवार नियोजन के तरीकों को अपनानाआम:– जनता में परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी देनी चाहिए, जिससे वे इसे सहजतापूर्वक अपनाकर अपने परिवार को नियोजित रख सकें।
प्रश्न :- जनसंख्या विस्फोट किसे कहते हैं जनसंख्या विस्फोट के कारण लिखिए
उत्तर :- जनसंख्या विस्फोट की परिभाषा :- किसी सीमित क्षेत्र में जब जनसंख्या में तीव्र वृद्धि होती है तब इसे जनसंख्या विस्फोट कहते हैं।
जनसंख्या विस्फोट के कारण :-
● रोगों व महामारी पर नियंत्रण हुआ है।
● कृषि का विकास हुआ है।
● उच्च जन्म दर का होना।
● निम्न मृत्यु दर का होना।
● संचार व आवागमन के साधन उपलब्ध होना।
जनसंख्या वृद्धि के कारण उत्पन्न समस्याएं या प्रभाव (Problems or Effects of Population Growth):–
जनसंख्या की वृद्धि को नियन्त्रित करना आज विश्व की सबसे बड़ी माँग है, क्योंकि इसके कारण कई समस्याएँ पैदा होती है, जिनका समाधान केवल जनसंख्या वृद्धि को कम करना ही है। जनसंख्या वृद्धि के कारण पैदा हुई कुछ प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं–
(1) जनसंख्या वृद्धि के कारण जीवनोपयोगी वस्तुओं में कमी होती है।
(2) जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों, जैसे- खाद्य पदार्थों, पेट्रोलियम पदार्थों, वनों इत्यादि की कमी होती जाती है, क्योंकि जनसंख्या वृद्धि के साथ इन पदार्थों का दोहन बढ़ जाता है।
(3) पर्यावरण का प्रदूषित होना।
(4) बेकारी, दरिद्रता तथा गरीबी में वृद्धि का होना।
(5) जनसंख्या वृद्धि के कारण पारिस्थितिक सन्तुलन बिगड़ता है।
(6) जीवन स्तर में गिरावट आना।
(7) जनसंख्या वृद्धि के कारण संसाधनों का हास होता है, जिसके कारण नैतिक मूल्यों में भी गिरावट आती है।
(8) जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव हमारे रहन-सहन पर भी पड़ता है, जिसके कारण सामाजिक स्तर में भी गिरावट आती है।
उपर्युक्त समस्याएँ जनसंख्या वृद्धि के कारण परोक्ष रूप से पैदा होती हैं। इसके अलावा भी जनसंख्या वृद्धि के कारण हमारे सामने कई और समस्याएँ भी पैदा होती हैं।
जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण के उपाय (Methods to Control Over Population):–
अतिशय जनसंख्या के रहते कोई देश प्रगति नहीं कर सकता। प्राचीनकाल में प्राकृतिक प्रकोप तथा महामारियाँ जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण रखती थीं, लेकिन विज्ञान ने आज प्राकृतिक प्रकोपों तथा महामारियों से होने वाली जनसंख्या क्षति को रोक दिया है, जिससे मृत्यु दर कम हो गयी है। इस कारण यह आवश्यक हो गया है कि दूसरे स्रोतों से जनसंख्या वृद्धि को रोका जाए। जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण करने वाले प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं–
(1) विवाह की आयु बढ़ाकर:– अपरोक्ष रूप से विवाह का उद्देश्य सन्तानोत्पत्ति भी है। जीव विज्ञान के अनुसार स्त्रियाँ जीवन के पूर्वार्द्ध में अधिक प्रजनन की क्षमता रखती हैं। इस कारण यदि विवाह की आयु बढ़ा दी जाए तो जनसंख्या में कमी आयेगी ।
(2) जन्म दर को कम करके:– जन्म-दर, जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण है। अतः इसे कम करके जनसंख्या वृद्धि को कम किया जा सकता है।
(3) शिक्षा का प्रसार करके:– जनसंख्या वृद्धि का सबसे प्रमुख कारण अशिक्षा है। अशिक्षित होने के कारण आम जनता में अज्ञानता, प्रचलित रूढ़ियों तथा धर्मान्धता का प्रसार होता है, जैसे-
(i) सन्तान भगवान देता है।
(ii) पुत्र पैदा होने से मोक्ष को प्राप्ति होती है।
(iii) कन्यादान करना एक पुण्य का कार्य है।
(iv) अधिक सन्तानें परिवार की आय को बढ़ाती हैं।
(v) सन्तान की देख-रेख भगवान करता है।
(4) लोगों को जनसंख्या वृद्धि की भयावहता को समझाकर भी जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण किया जा सकता है।
(5) परिवार नियोजन के तरीकों का उपयोग करके जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सकता है।
(6) एक-से-अधिक महिलाओं से शादी करने पर प्रतिबन्ध लगाकर भी जनसंख्या वृद्धि को रोकने में सहायता मिलेगी।
यदि उपर्युक्त गलतफहमियों को आम जनता के दिल से निकाल दिया जाए तो वे जनसंख्या वृद्धि को रोक सकते हैं।जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए आम जनता को निम्नलिखित प्रकार से शिक्षित करना चाहिए–
(i) धर्मान्धता को हटाना:– सबसे पहले आम जनता के दिमाग से उपर्युक्त मान्यताओं को निकालना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि सन्तान की पैदाइश को रोकना उनके हाथ में है। वे चाहें तो सन्तान उत्पत्ति को रोक सकते हैं। उन्हें यह समझाना चाहिए कि मोक्ष सन्तान पैदा करने से नहीं बल्कि उनके अच्छे पालन-पोषण से मिलता है।
(ii) छोटे परिवार के महत्व को बताना:–आम जनता को कम सन्तान का महत्व समझाना चाहिए, जिससे वे खुद छोटे परिवार के महत्व को समझ जाएँ। अगर वे छोटे परिवार के महत्व को जान जायेंगे तो स्वयं परिवार छोटा करना चाहेंगे।
(III) अतिशय जनसंख्या की भयावहता को समझाकर:– आम जनता को अतिशय जनसंख्या के कुप्रभावों को भी बताना चाहिए। ऐसा करने से वे जनसंख्या कम करने का प्रयास अपने-आप करेंगे।
(iv) परिवार नियोजन के तरीकों को अपनानाआम:– जनता में परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी देनी चाहिए, जिससे वे इसे सहजतापूर्वक अपनाकर अपने परिवार को नियोजित रख सकें।