प्लेसेंटा(अपरा) क्या है? इसके कार्य/महत्व लिखिए/What is placenta? Write its functions/importance.
प्लेसेंटा क्या है? इसके कार्य/महत्व लिखिए।
प्लेसेंटा:– प्लेसेंटा या अपरा वह अंग हैं। जिसके द्वारा गर्भाशय में स्थित भ्रूण के शरीर में माता के रक्त का पोषण पहुँचता रहता है, और जिससे भ्रूण की वृद्धि होती है। यह अंग माता और भ्रूण के शरीरों में संबंध स्थापित करने वाला है। इसे ही प्लेसेंटा या अपरा कहते हैं।
प्लेसेंटा के कार्य निम्नलिखित हैं -
प्लेसेंटा के कार्य/ महत्व:–
(1) प्लेसेंटा द्वारा विभिन्न प्रकार के पोषक पदार्थ भ्रूण के शरीर तक पहुंचते हैं।
(2) प्लेसेंटा द्वारा भ्रूण के अपशिष्ट पदार्थ माता के रक्त में विसरण द्वारा पहुंच जाते हैं।
(3) प्लेसेंटा अनेक प्रकार के रोगों से भ्रूण की रक्षा करता है।
(4) प्लेसेंटा के माध्यम से भ्रूण का अशुद्ध रक्त शुद्ध होने के लिए माता के शरीर में पहुंचता है और शुद्ध होने के पश्चात पुनः शिशु के शरीर में आ जाता है।
(5) प्रसव के समय इससे प्रोजेस्ट्रोन एवं प्रसव हार्मोन का स्त्रावण होता है जो प्रसव को सरल बनाता है।
प्रश्न:– शुक्राणु जनन और अंडाणु जनन में अंतर लिखिए
उत्तर:– शुक्राणु जनन और अंडाणु जनन में अंतर निम्नलिखित है–
शुक्राणु जनन और अंडाणु जनन में अंतर
प्रश्न :- अण्डजनन क्या है? अण्डजनन में शामिल हार्मोन के नाम लिखिए।
उत्तर:-
अण्डजनन :- अण्डाशय की जनन कोशिकाओं में अर्धसूत्री विभाजन के द्वाराअण्डाणु बनने की प्रक्रिया को अण्डजनन कहते हैं।
अण्डजनन मैं शामिल हार्मोन के नाम निम्नलिखित हैं-
(1). एस्ट्रोजन हार्मोन
(2). गोनैडो ट्रॉपिन हार्मोन
(3). ल्यूटीनाइजिंग हार्मोन(LH)
(4). फॉलिकल स्टीमुलेटिंग हार्मोन(FSH)
प्रश्न :- शुक्राणु जनन क्या है? इस प्रक्रिया के नियमन में शामिल होने वाले हार्मोनों के नाम लिखिए।
उत्तर:-
शुक्राणु जनन :- वृषण की शुक्रजनन नलिका की जनन कोशिकाएँ अर्धसूत्री विभाजन के द्वारा शुक्राणुओं का निर्माण करती है। इस प्रक्रिया को शुक्राणु जनन कहते हैं।
इस प्रक्रिया के नियमन में शामिल होने वाले हार्मोन के नाम निम्नलिखित हैं-
(1) .टेस्टोस्टेरोन हार्मोन
(2). एंड्रोजन हार्मोन
(3). गोनैडोट्रॉपिन रिलीजिंग हार्मोन
(4). ल्यूटीनाइजिंग हार्मोन(LH)
(5). फॉलिकल स्टीमुलेटिंग हार्मोन(FSH)
प्रश्न :- अण्डजनन क्या है? अण्डजनन में शामिल हार्मोन के नाम लिखिए।
उत्तर:-
अण्डजनन :- अण्डाशय की जनन कोशिकाओं में अर्धसूत्री विभाजन के द्वाराअण्डाणु बनने की प्रक्रिया को अण्डजनन कहते हैं।
अण्डजनन मैं शामिल हार्मोन के नाम निम्नलिखित हैं-
(1). एस्ट्रोजन हार्मोन
(2). गोनैडो ट्रॉपिन हार्मोन
(3). ल्यूटीनाइजिंग हार्मोन(LH)
(4). फॉलिकल स्टीमुलेटिंग हार्मोन(FSH)
प्रश्न :- टेस्ट ट्यूब बेबी किसे कहते हैं?
अथवा
परखनली शिशु कैसे प्राप्त किए जा सकते हैं?
उत्तर– जब नर युग्मक शुक्राणु और मादा युग्मक अंडाणु का निषेचन शरीर से बाहर उपयुक्त परिस्थितियों में परखनली में कराया जाता है और बनने वाले युग्मनज को ब्लास्टुला अवस्था में अण्डवाहिनी नलिका या फैलोपियन ट्यूब में रोपित किया जाता है, तब इस प्रकार प्राप्त शिशु को टेस्ट ट्यूब बेबी कहते हैं।
प्रश्न :- परखनली शिशु और सामान्य शिशु में अंतर लिखिए।
उत्तर :- परखनली शिशु और सामान्य शिशु में अंतर निम्नलिखित है-
प्रश्न :- ट्यूबेक्टमी और वैसेक्टोमी को समझाइए।
उत्तर:- ट्यूबेक्टमी:- इसे सामान्यता मादा नसबंदी भी कहते हैं। इसमें स्त्री की अंडवाहिनी को काटकर बांध दिया जाता है जिससे अंडाणु गर्भाशय में नहीं आ पाते और निषेचन नहीं हो पाता है, इसे ट्यूबेक्टमी कहते हैं। यह परिवार नियोजन की एक विधि है।
वैसेक्टोमी:- इसे सामान्यता पुरुष नसबंदी भी कहते हैं। इसमें पुरुष के शुक्राणु नलिका को काटकर बांध दिया जाता है जिससे शुक्राणु स्खलन के समय नहीं निकलते और निषेचन नहीं हो पाता है यह क्रिया वैसेक्टॉमी कहलाती है। यह भी परिवार नियोजन की एक विधि है।
प्रश्न :- वैसेक्टोमी और ट्यूबेक्टमी में अंतर लिखिए।
उत्तर:- वैसेक्टोमी और ट्यूवेक्टोमी में अंतर निम्नलिखित हैं-
Tubectomy Aur Vasectomy Mein Antar
प्रश्न :- एम्नियोसेण्टेसिस क्या है? इसका महत्व लिखिए।
उत्तर:- एम्नियोसेण्टेसिस:- एम्नियोसेण्टेसिस भ्रूण परीक्षण की एक तकनीक है जिसमें सर्जिकल सुई द्वारा मादा के गर्भाशय से एम्नियोटिक द्रव को शरीर से बाहर निकाला जाता है और एम्नियोटिक द्रव में उपस्थित फोयटस कोशा का संवर्धन किया जाता है।
एम्नियोसेण्टेसिस का महत्व निम्नलिखित है-
(1) गुणसूत्रीय असामान्यता,जैसे-- डाउन सिण्ड्रोम, फिलोडेल्फिया सिण्ड्रोम एवं एडवर्ड सिण्ड्रोम।
(2) उपापचयी अनियमितताएँ, जैसे-- PKU, क्रिटेनिज्म, एल्केप्टोन्यूरिया।
(3) लिंग भ्रूण के परीक्षण में इसका उपयोग किया जाता है।
भ्रूणकोष किसे कहते हैं?
उत्तर:–कुछ पौधों के बीजों में खाद्य संग्रह के लिए विशेष प्रकार की रचना पाइ जाती है जिन्हें भ्रूणकोष कहते हैं।
भ्रूणपोष किसे कहते हैं?
उत्तर:– भ्रूणपोष तथा उसके प्रकार सभी पुष्पीय पौधों में भ्रूण (embryo) के पोषण के लिए एक विशेष ऊतक होता है, इसे भ्रूणपोष कहते हैं। जिम्नोस्पर्स में यह ऊतक युग्मकोभिदी या अगुणित होता है, किन्तु आवृतबीजी पौधों ( angiospermic plants ) में यह त्रिसंयोजन (triple fusion) के फलस्वरूप बनता है और अधिकतर पौधों में त्रिगुणित होता है। इसके बीज में बने रहने तथा बीजांकुरण में सहायता करने पर बीज भ्रूणपोषी (endospermic) कहलाता है। अनेक द्विबीजपत्री पौधों के बीजों में इसका भोजन बीज के बनते समय बीजपत्रों द्वारा सोख लिया जाता है और यह बीज अभ्रूणपोषी (non- endospermic) कहलाता है।
प्रश्न :- भ्रूणकोष तथा भ्रूणपोष में अंतर लिखिए।
उत्तर:- भ्रूणकोष और भ्रूणपोष में अंतर निम्नलिखित हैं-
प्रश्न :- जूस्पोर ( अलैंगिक चल बीजाणु) तथा युग्मनज के बीच विभेद कीजिए।
अथवा
प्रश्न:- जूस्पोर और युग्मनज मैं अंतर लिखिए।
उत्तर:-जूस्पोर और युग्मनज में अंतर निम्नलिखित है-
प्रश्न :- बीज और बीजांड में अंतर लिखिए।
उत्तर:- बीज और बीजांड में अंतर निम्नलिखित हैं-
प्रश्न :- ट्यूबेक्टमी और वैसेक्टोमी को समझाइए।
उत्तर:- ट्यूबेक्टमी:- इसे सामान्यता मादा नसबंदी भी कहते हैं। इसमें स्त्री की अंडवाहिनी को काटकर बांध दिया जाता है जिससे अंडाणु गर्भाशय में नहीं आ पाते और निषेचन नहीं हो पाता है, इसे ट्यूबेक्टमी कहते हैं। यह परिवार नियोजन की एक विधि है।
वैसेक्टोमी:- इसे सामान्यता पुरुष नसबंदी भी कहते हैं। इसमें पुरुष के शुक्राणु नलिका को काटकर बांध दिया जाता है जिससे शुक्राणु स्खलन के समय नहीं निकलते और निषेचन नहीं हो पाता है यह क्रिया वैसेक्टॉमी कहलाती है। यह भी परिवार नियोजन की एक विधि है।
प्रश्न :- वैसेक्टोमी और ट्यूबेक्टमी में अंतर लिखिए।
उत्तर:- वैसेक्टोमी और ट्यूवेक्टोमी में अंतर निम्नलिखित हैं-
Tubectomy Aur Vasectomy Mein Antar