संक्रमण तत्व परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था ( संयोजकता ) प्रदर्शित करते हैं क्यों?/ Why transition elements show variable oxidation state (valency)?
प्रश्न :- संक्रमण तत्व परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था ( संयोजकता ) प्रदर्शित करते हैं क्यों?
उत्तर:- संक्रमण तत्व परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते हैं इसका कारण यह है कि संक्रमण तत्वों में दो वाहतम कक्षाओं का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास अपूर्ण होता है तथा इनके ns और (n-1)d उपकोश की उर्जाओं में बहुत कम अंतर होता है इसलिए इनके ns इलेक्ट्रॉन बंध बनने में तो भाग लेते ही हैं इनके साथ साथ (n-1)d उपकोश के इलेक्ट्रॉन भी बंध बनाने में भाग लेते हैं इसलिए संक्रमण तत्व परिवर्ती संयोजकता प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न :- संक्रमण तत्व मिश्र धातुएँ बनाते हैं क्यों?
उत्तर :- संक्रमण धातु में अंतिम इलेक्ट्रॉन (n-1)d उपकोश में प्रवेश करते हैं इस कारण इनके परमाणु आकार लगभग बराबर होते हैं इसलिए किसी संक्रमण धातु के क्रिस्टल जालक में उपस्थित परमाणुओं को दूसरी संक्रमण धातु के परमाणु आसानी से प्रतिस्थापित कर देते हैं और इस प्रकार मिश्र धातु का निर्माण होता है जैसे - जर्मन, सिल्वर, निकिल, कॉपर और जिंक की मिश्र धातु है।
प्रश्न :- संक्रमण तत्व संकुल यौगिक बनाते हैं क्यों?
उत्तर:- अधिकांश संक्रमण तत्व संकुल यौगिक बनाते हैं हैं क्योंकि-
(1) संक्रमण तत्वों में रिक्त d ऑर्बिटल पाए जाते हैं जिनमें यह लिगेन्ट्स द्वारा दिए जाने वाले इलेक्ट्रॉन युग्मों को ग्रहण कर सकते हैं।
(2) इन पर उच्च धन आवेश पाया जाता है
(3) इनका छोटा आकार होता है
(4) संक्रमण तत्व परिवर्ती संयोजकता प्रदर्शित करते हैं।
उपरोक्त कारणों से संक्रमण तत्व लिगेन्ट्स के साथ आसानी से संयुक्त होकर संकुल यौगिक बनाते हैं।
प्रश्न :- संक्रमण धातु अच्छी उत्प्रेरक होते है क्यों?
उत्तर:- (1) संक्रमण तत्व परिवर्ती संयोजकता प्रदर्शित करते हैं इसलिए इनमें अस्थाई माध्यमिक योगिक बनने की प्रबल प्रवृत्ति होती है यह माध्यमिक योगिक अभिक्रिया के लिए न्यूनतम सक्रियण ऊर्जा वाला पथ उपलब्ध करवाता है।
(2) संक्रमण तत्व अभिक्रिया के दौरान अभिकारकों को आवश्यक सतह उपलब्ध कराते हैं जिससे अभिकारक उत्प्रेरक की सतह पर अधिशोषित होकर अभिक्रिया पूर्ण करते हैं।
(3) संक्रमण तत्वों में संकुल यौगिक बनने की प्रवृत्ति होती है।
उपरोक्त कारणों से संक्रमण धातुएँ अच्छी उत्प्रेरक है और इसी कारण अधिकांश क्रियाओं में संक्रमण तत्वों का उपयोग उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है। जैसे- अमोनिया बनाने की हैबर विधि में आयरन, तेलों के हाइड्रोजनीकरण में, निकल आदि उप्रेरकों का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न :- संक्रमण तत्व अनुचुंबकीय गुण प्रदर्शित करते हैं क्यों? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:- संक्रमण तत्वों के (n -1)d उपकोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास अपूर्ण होता है इस कारण अधिकांश संक्रमण तत्वों और उनके आयनों में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं। यह अयुग्मित इलेक्ट्रॉनिक एक अनुचुंबकीय क्षेत्र निर्मित करता है। इसलिए जब इन्हें चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है। तो यह चुंबकीय क्षेत्र के प्रति आकर्षण महसूस करते हैं अर्थात अनुचुंबकीय व्यवहार प्रदर्शित करते हैं।
उदाहरण:-
जिन संक्रमण तत्वों के परमाणुओं या आयनों में सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं। उनमें इलेक्ट्रॉन एक दूसरे के चुमकीय क्षेत्र को निरस्त कर देते हैं। अतः ऐसे परमाणु या आयन प्रति चुंबकीय व्यवहार प्रदर्शित करते हैं। जैसे-CU+ मैं सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं अतःयह प्रति चुंबकीय है, जबकि CU2+ मैं एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाया जाता है। अतः यह अनुचुम्कीय है।
प्रश्न :- संक्रमण तत्वों में Zn परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित नहीं करता है क्यों?
उत्तर:- Zn के d उपकोश में कोई भी अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं पाया जाता है। इसलिए इसके केवल s उपकोश के दो इलेक्ट्रॉन बंध बनाने में भाग लेते हैं इसलिए Zn(जिंक) परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित नहीं करता है।