जेनेटिक कोड क्या है? इसकी लक्षण और विशेषताएँ लिखिए//What is genetic code? Write its features and characteristics.
नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे जेनेटिक कोड किसे कहते हैं जेनेटिक कोड के लक्षण लिखिए और जेनेटिक कोर्ट की विशेषताएं बताइए क्योंकि यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न हैं इसलिए इस पोस्ट को आप पूरा जरूर पढ़ें, धन्यवाद।
जेनेटिक कोड के प्रमुख लक्षण लिखिए।
अथवा
जेनेटिक कोड क्या है? इसकी कोई विशेषताएं लिखिए।
जेनेटिक कोड किसे कहते हैं?
उत्तर– m-RNA में उपस्थिति न्यूक्लयोटाइडों के अनुक्रम को जो प्रोटीन अणुओं को कोड करते हैं। अनुवांशिक कोड या जेनेटिक कोड कहलाते हैं।
जेनेटिक कोड की खोज कब हुई थी?
उत्तर– सन 1950 में नीरेनबर्ग ने सर्वप्रथम जेनेटिक कोर्ट के ट्रिपलेट की खोज की। इन्होंने एक ऐसे आर. एन. ए. का संश्लेषण किया जिसमें U बेस था। ऐसे उन्होंने पोली यूरेसिल कहा। जब इन्होंने इसको ऐसे संवर्धन माध्यम में रखा जिसमें प्रोटीन संश्लेषण के लिए आवश्यक अवयव थे तब इनसे प्रोटीन अभी अब प्राप्त हुए।
जेनेटिक कोड के लक्षण या विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर– जेनेटिक कोड के प्रमुख विशेषता और लक्षण निम्नलिखित हैं–
(1). ट्रिपलेट कोड:– प्रत्येक अनुवांशिक कोड तीन नाइट्रोजीनस क्षारकों के समूह का बना होता है अतः प्रत्येक अमीनो अम्ल के लिए क्षार समूह का बना एक कोड आवश्यक होता है।
(2). प्रारंभिक सिग्नल:– पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला के निर्माण का प्रारंभ m-RNA पर पाए जाने वाले AUG या GUG कोडॉन में होता है। ये क्रमशः मिथियोनिन तथा वैलिन अमीनो अम्ल को कोड करते हैं।
(3). रुकावट सिग्नल:– प्रत्येक पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला की लंबाई निश्चित होती है अतः श्रृंखला का निर्माण के बाद की क्रिया का समापन आवश्यक होता है। m-RNA पर पाए जाने वाले 3 कोडॉन UAA,UAG तथा UGA किसी भी अमीनो हम लोग को कोड नहीं करते हैं। ये श्रंखला निर्माण की क्रिया को रोकते हैं। उन्हें मैनरिंग कोडॉन कहते हैं।
(4). सार्वत्रिक कोडॉन:– पृथ्वी पर पाए जाने वाले समस्त जीवो में अनुवांशिक कोड एक समान होते हैं।
उदाहरण स्वरूप विषाणु से उच्च श्रेणी के वृक्ष एवं मनुष्य तक UUU कोडॉन फिनाइल एलानीन को ही कोड करता है।
(5). अन– अतिव्यापित कोडॉन:– कोई भी दो कोडॉन अतिव्यापन नहीं होते। अर्थात तीन न्यूक्लियोटाइड का बना एक कोडॉन एक अमीनो अम्ल को कथा तीन न्यूक्लियोटाइड दूसरे अमीनो अम्ल को कोड करते हैं कोडॉन अअतिव्यापिता को इस प्रकार भी कह सकते हैं की m-RNA पर स्थित कोई भी एक न्यूक्लियोटाइड एक ही जेनेटिक कोड का भाग होता है।
(6). एक कोडॉन हमेशा एक ही अमीनो अम्ल को कोड करता हैं, दूसरे को नहीं।
जेनेटिक कोड की विशेषताएँ– जेनेटिक कोड की विशेषताएं निम्नलिखित है–
(1). जेनेटिक कोड ट्रिपलेट होते हैं।
(2). जेनेटिक कोड डिजनरेट होते हैं।
(3). जेनेटिक कोड कोमारहित होते हैं।
(4). जेनेटिक कोड यूनिवर्सल होते हैं।