मूल मात्रक और व्युत्पन्न मात्रक में अंतर /mool maatrak aur vyutpann maatrak mein antar
नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे। मूल मात्रक और व्युत्पन्न मात्रक में अंतर लिखिए।
विमीय सूत्र किसे कहते हैं। विमीय सूत्र का क्या अर्थ है। विमीय सूत्र की परिभाषा लिखिए। विमीय सूत्र के उपयोग लिखिए। विमीय सूत्र के अनुप्रयोग लिखिए। विमीय सूत्र की विशेषताएं लिखिए। विमीय सूत्र की सीमाएं लिखिए। विमीय सूत्र की कमियां लिखिए। क्योंकि यह परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है इसलिए आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें धन्यवाद।
प्रश्न :- मूल मात्रक और व्युत्पन्न मात्रक में अंतर लिखिए।
उत्तर:- मूल मात्रक और व्युत्पन्न मात्रक में अंतर निम्नलिखित हैं-
मूल मात्रक और व्युत्पन्न मात्रक में अंतर/difference between base unit and derived unit
विमीय सूत्र किसे कहते हैं?
उत्तर:- विमीय सूत्र की परिभाषा:- वह सूत्र जो किसी भौतिक राशि को व्युत्पन्न मात्रक को मूल मात्रकों के उचित घातो के द्वारा व्यक्त करता है। वह विमीय सूत्र कहलाता है. विमीय सूत्र को [ ] से प्रदर्शित करते हैं।
विमीय सूत्र के उपयोग या अनुप्रयोग लिखिए।
विमीय सूत्र के उपयोग:- विमीय सूत्र के उपयोग निम्नलिखित हैं-
(1) भौतिक राशियों के मात्रक ज्ञात करने में।
(2) एक पद्धति के मात्रकों को दूसरी पद्धति के मात्रकों में परिवर्तित करने में किया जाता है।
(3) विभिन्न भौतिक राशियों के मध्य संबंध स्थापित करने में।
(4) भौतिक सीमाओं की शुद्धता की जांच करने में
विमीय सूत्र के अनुप्रयोग:–
(1). भौतिक राशि के मात्रकों को एक पद्धति से दूसरी पद्धति में परिवर्तित करने में विमीय सूत्र का उपयोग किया जाता है।
(2). किसी समीकरण की सत्यता की जांच करने में विमीय सूत्र का उपयोग किया जाता है।
(3). किसी समीकरण में नियतांक को अथवा चरों की विमायें ज्ञात करने में विमीय सूत्र का उपयोग किया जाता है।
(4). विभिन्न भौतिक राशियों के मध्य संबंध स्थापित करने में विमीय सूत्र का उपयोग किया जाता है।
विमीय सूत्र की सीमाएँ या कमियाँ लिखिए।
विमीय सूत्र की सीमाएँ:- विमीय सूत्र की सीमाएँ निम्नलिखित हैं-
(1). इस विधि द्वारा प्राप्त व्यंजक में आने वाली विमाहीन राशि का मान ज्ञात नहीं कर सकते हैं।
(2). इस विधि में त्रिकोणमिति, लागुगुणक आदि के समीकरण ज्ञात नहीं कर सकते हैं।
(3). यदि किसी भौतिक राशि की लंबाई, द्रव्यमान और समय के अतिरिक्त अन्य मात्रकों पर निर्भर करती है तो इस विधि द्वारा उस भौतिक राशि की विमा ज्ञात नहीं की जा सकती है।