डी एन ए अंगुली छापन
डीएनए फिंगरप्रिंटिंग परिभाषा, DNA fingerprinting के उपयोग, महत्व, विधि और सीमाएँ
प्रश्न :- डीएनए(DNA) फिंगर प्रिंटिंग क्या है इसकी डीएनए फिंगरप्रिंटिंग के उपयोग लिखिए
अथवा
डीएनए फिंगरप्रिंटिंग के उपयोग लिखिए?
अथवा
डीएनए फिंगरप्रिंटिंग का महत्व लिखिए?
अथवा
डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की विधि लिखिए?
उत्तर:- प्रत्येक व्यक्ति का डीएनए (DNA) विशिष्ट प्रकार का होता है। इसमें पाए जाने वाले न्यूक्लियोटाइड्स (A, T ,C एवं G) का क्रम निश्चित होता है एक व्यक्ति के शरीर में पाई जाने वाली समस्त कोशिकाओं में गुणात्मक एवं मात्रात्मक रूप से समान डीएनए(DNA) पाया जाता है। अतः डीएनए में पाए जाने वाले क्षारकों के क्रम में समानता अथवा अंतर के आधार पर व्यक्तियों की पहचान की जा सकती है।
डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की परिभाषा:– " वह तकनीक जिसके द्वारा डीएनए(DNA ) की विशिष्टता के आधार पर किसी व्यक्ति की पहचान की जाती है डीएनए(DNA ) फिंगरप्रिंटिंग कहलाती है।"
इस विज्ञान की आधारशिला एक ब्रिटिश वैज्ञानिक सर एलेक जेफरीज(Sir Alec Jeffreys ) द्वारा 1985 में रखी गई। भारत के हैदराबाद स्थित विश्व प्रसिद्ध प्रयोगशाला, कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र(Center for Cellular and Molecular Biology CCMB,Hyderabad ) के डॉ. लालजी सिंह तथा डॉ. वी.के.कश्यप द्वारा इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं।
DNA फिंगर प्रिंटिंग की विधि(Method of DNA Fingerprinting ):-
(1) इस तकनीकी में सर्वप्रथम वांछित व्यक्ति के DNA का सैंपल प्राप्त किया जाता है डीएनए का सैंपल समानता रक्त से तैयार किया जाता है। वीर्य, अस्थि मज्जा आदि से भी डीएनए(DNA ) का सैंपल तैयार किया जा सकता है इस कार्य हेतु डीएनए(DNA ) की अल्प मात्रा की आवश्यकता होती है।
(2) प्राप्त डीएनए(DNA ) सैंपल को रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लएज एन्जाइम से क्रिया कराकर जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस से डीएनए(DNA) फिंगरप्रिंटिंग तैयार किया जाता है।
(3) जेल से प्राप्त डीएनए(DNA ) को अब नाइट्रोसेल्यूलोज फिल्टर मेम्ब्रेन मैं स्थानांतरित किया जाता है इस फिल्टर को 800C पर ओवन में रखा जाता है जिससे फिल्टर पेपर पर डीएनए का प्रोब बन जाता है। इन DNA प्रोबों को धोने के पश्चात ऑटोरेडियोग्राफी द्वारा उसका विश्लेषण किया जाता है।
इस प्रकार जेल पर प्राप्त DNA बैण्ड को शक के दायरे में आए व्यक्ति के डीएनए फिंगरप्रिंट से मिलाया जाता है। यदि दोनों फिंगरप्रिंट्स में बैण्ड्स एक समान होते है। तोड़ निष्कर्ष निकालता है कि वही व्यक्ति अपराधी है, जिस पर शक किया जा रहा है। इसी प्रकार, यदि फिंगरप्रिंट्स में असमानता होती है तो व्यक्ति निर्दोष प्रमाणित होता है इसी सिद्धांत का उपयोग संतान के जैविक(Biological ) माता-पिता के निर्धारण में होता है।
डीएनए(DNA ) फिंगरप्रिंटिंग की उपयोगिता:- डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की उपयोगिता निम्नलिखित है-
(1) यह फोरेन्सिक प्रयोगशाला, कानूनी समस्याओं के समाधान में तथा अपराधियों के पहचान में अत्यंत उपयोगी है।
(2) कभी-कभी परिवार में पितृत्व की समस्या आ खड़ी होती है महिला कहती है कि अमुक व्यक्ति उसके बच्चे का पिता है। ऐसी स्थिति में डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की सहायता से उसके पिता की पहचान की जाती है।
(3) ल्यूकेमिया आदि रोगों से ग्रसित रोगी की पहचान तथा उपचार में यह सहायक होता है।
(4) पृथ्वी पर किसी जीव की जाति की उत्पत्ति तथा अन्य जातियों के साथ उसके संबंध की जानकारी डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की सहायता से प्राप्त की जा सकती है।
(5) किसी व्यक्ति का किसी दूसरे व्यक्ति के साथ आनुवंशिक संबंध का पता लगाया जा सकता है।
आज का डीएनए फिंगरप्रिंटिंग का प्रचलन विश्व के सभी देशों में काफी अधिक बढ़ गया है इसकी सहायता से भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी के हत्यारिन महिला की पहचान 'धनु'(Dhanu ) के रूप में की गयी। इसी प्रकार अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन तथा व्हाइट हाउस(White House ,The Residence of USA President) की तत्कालीन महिला कर्मचारी 'मोनिका लेविंस्की ' के बीच लैंगिक संबंधों का खुलासा एवं सत्यापन डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की सहायता से हुआ।
डीएनए फिंगर प्रिंटिंग की सीमाएँ (Limitations of DNA Fingerprinting Technology in hindi):–
DNA fingerprinting की प्रमुख समस्या यह है कि नमूना सरलता से नष्ट हो सकता है! जेनेटिक “जंक” के सूक्ष्मतम कण डी. एन.ए नमूनों को संक्रमित कर उन्हें अनुपयोगी बना सकते हैं! हालांकि डी. एन.ए फिंगरप्रिंटिंग का कार्य करने के लिए उपयुक्त नमून की आवश्यकता होती है, फिर भी पीसीआर (Polymerase Chain Reaction) नामक एक नवीन तकनीक के उपयोग से समस्या का हल निकाला जा सकता है! पीसीआर डीएनए के दुश्मनों का इस्तेमाल कर सकता है और परिणाम दे सकता है!
परंतु पीसीआर द्वारा उपयोग किए गए डी. एन.ए सैंपल भी अपने आकार के कारण संक्रमित हो सकते हैं, क्योंकि संक्रमणविहिन छोटे नमूने प्राप्त होना बहुत मुश्किल होता है! डी.एन.ए फिंगरप्रिंटिंग की एक अन्य सीमा यह है कि इसकी प्रक्रिया अत्याधिक जटिल होने के कारण डी.एन.ए पैटर्न को पढने असहजता होती है और इसी वजह से कभी-कभी अस्पष्ट साक्ष्य भी प्राप्त हो जाते हैं!
डीएनए फिंगरप्रिंटिंग के उपयोग लिखिए
उत्तर :-
(1) अनुवांशिकी बीमारियों की पहचान एवं उनसे संबंधित चिकित्सकीय कार्यो के लिए!
(2) बच्चों के वास्तविक माता-पिता की पहचान करने में उपयोगी है!
(3) अपराधिक गतिविधियों से संबंधित गुत्थियों को सुलझाने के लिए उपयोगी है!
(4) दुर्घटना के दौरान शवों की पहचान करने के लिए!
(5) विश्व में प्रजातियों के भौगोलिक वितरण का पता लगाने मैं उपयोगी है।