महाकाव्य और खंडकाव्य की परिभाषा, विशेषताएँ(लक्षण) और अंतर
प्रश्न :- महाकाव्य एवं खण्डकाव्य की विशेषताएँ (लक्षण) तथा प्रमुख महाकाव्य एवं खण्डकाव्यों के नाम लिखिए।
प्रश्न :- महाकाव्य किसे कहते हैं इसकी विशेषताएँ लिखिए?
उत्तर– महाकाव्य:– महाकाव्य विस्तृत होता है। महाकाव्य में जीवन का संपूर्ण चित्रण होता है महाकाव्य का नायक महान होता है महाकाव्य में कम से कम आठ सर्ग होते हैं।
महाकाव्य की विशेषताएँ(लक्षण)– महाकाव्य की विशेषताएं (लक्षण) निम्नलिखित हैं–
(1) महाकाव्य विस्तृत होता है।
(2) महाकाव्य में जीवन का संपूर्ण चित्रण होता है।
(3) महाकाव्य का उद्देश्य महान होता है।
(4) महाकाव्य का क्षेत्र व्यापक होता है।
(5) इसमें नायक का संपूर्ण जीवन वर्णित होता है।
(6) महाकाव्य में कम से कम आठ सर्ग होते हैं।
हिंदी के चार महाकाव्यों के नाम तथा उनके रचयिताओं के नाम निम्नलिखित हैं–
(1) रामचरितमानस ––तुलसीदास
(2) कामायनी ––जयशंकर प्रसाद
(3) साकेत–– मैथिलीशरण गुप्त
(4) प्रिय प्रवास–– अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
प्रश्न :- खण्डकाव्य किसे कहते हैं इसकी विशेषताएं लिखिए?
उत्तर- खण्डकाव्य:– खण्डकाव्य में जीवन के किसी एक पक्ष का चित्रण होता है। खंडकाव्य में एक ही सर्ग होता है। खंडकाव्य का क्षेत्र सीमित होता है।
खण्डकाव्य की विशेषताएँ (लक्षण)– खण्डकाव्य की विशेषताएं (लक्षण) निम्नलिखित हैं–
(1) खण्डकाव्य में जीवन के किसी एक पक्ष का चित्रण होता है।
(2) खण्डकाव्य का उद्देश महान नहीं होता है।
(3) खण्डकाव्य में में किसी घटना या जीवन के एक अंश का वर्णन होता है।
(4) खण्डकाव्य का क्षेत्र सीमित होता है।
(5) खण्डकाव्य इतना विस्तृत नहीं होता।
(6) इसमें श्रृंगार या करूण प्रधान रस होता है।
हिंदी के चार खण्डकाव्यों के नाम पता रचयिताओं के नाम निम्नलिखित हैं–
(1) जानकी मंगल –– तुलसीदास
(2) सुदामा चरित –– नरोत्तमदास
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(3) पंचवटी –– मैथिलीशरण गुप्त
(4) पार्वती मंगल –– तुलसीदास
महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर
महाकाव्य के गुण:– महाकाल के गुण निम्नलिखित हैं–
(1) महाकाव्य विस्तृत होता है।
(2) महाकाव्य में जीवन का संपूर्ण चित्रण होता है।
(3) महाकाव्य का उद्देश्य महान होता है।
(4) महाकाव्य का क्षेत्र व्यापक होता है।
(5) इसमें नायक का संपूर्ण जीवन वर्णित होता है।
(6) महाकाव्य में कम से कम आठ सर्ग होते हैं।
खंडकाव्य के गुण:– खंडकाव्य के गुण निम्नलिखित हैं–
(1) खण्डकाव्य में जीवन के किसी एक पक्ष का चित्रण होता है।
(2) खण्डकाव्य का उद्देश महान नहीं होता है।
(3) खण्डकाव्य में में किसी घटना या जीवन के एक अंश का वर्णन होता है।
(4) खण्डकाव्य का क्षेत्र सीमित होता है।
(5) खण्डकाव्य इतना विस्तृत नहीं होता।
(6) इसमें श्रृंगार या करूण प्रधान रस होता है।