भ्रूणकोष तथा भ्रूणपोष में अंतर/ Difference between Embryo sac and Endosperm
भ्रूणकोष किसे कहते हैं?
उत्तर:–कुछ पौधों के बीजों में खाद्य संग्रह के लिए विशेष प्रकार की रचना पाइ जाती है जिन्हें भ्रूणकोष कहते हैं।
भ्रूणपोष किसे कहते हैं?
उत्तर:– भ्रूणपोष तथा उसके प्रकार सभी पुष्पीय पौधों में भ्रूण (embryo) के पोषण के लिए एक विशेष ऊतक होता है, इसे भ्रूणपोष कहते हैं। जिम्नोस्पर्स में यह ऊतक युग्मकोभिदी या अगुणित होता है, किन्तु आवृतबीजी पौधों ( angiospermic plants ) में यह त्रिसंयोजन (triple fusion) के फलस्वरूप बनता है और अधिकतर पौधों में त्रिगुणित होता है। इसके बीज में बने रहने तथा बीजांकुरण में सहायता करने पर बीज भ्रूणपोषी (endospermic) कहलाता है। अनेक द्विबीजपत्री पौधों के बीजों में इसका भोजन बीज के बनते समय बीजपत्रों द्वारा सोख लिया जाता है और यह बीज अभ्रूणपोषी (non- endospermic) कहलाता है।
प्रश्न :- भ्रूणकोष तथा भ्रूणपोष में अंतर लिखिए।
उत्तर:- भ्रूणकोष और भ्रूणपोष में अंतर निम्नलिखित हैं-
प्रश्न :- जूस्पोर ( अलैंगिक चल बीजाणु) तथा युग्मनज के बीच विभेद कीजिए।
अथवा
प्रश्न:- जूस्पोर और युग्मनज मैं अंतर लिखिए।
उत्तर:-जूस्पोर और युग्मनज में अंतर निम्नलिखित है-
प्रश्न :- बीज और बीजांड में अंतर लिखिए।
उत्तर:- बीज और बीजांड में अंतर निम्नलिखित हैं-
प्रश्न :- ट्यूबेक्टमी और वैसेक्टोमी को समझाइए।
उत्तर:- ट्यूबेक्टमी:- इसे सामान्यता मादा नसबंदी भी कहते हैं। इसमें स्त्री की अंडवाहिनी को काटकर बांध दिया जाता है जिससे अंडाणु गर्भाशय में नहीं आ पाते और निषेचन नहीं हो पाता है, इसे ट्यूबेक्टमी कहते हैं। यह परिवार नियोजन की एक विधि है।
वैसेक्टोमी:- इसे सामान्यता पुरुष नसबंदी भी कहते हैं। इसमें पुरुष के शुक्राणु नलिका को काटकर बांध दिया जाता है जिससे शुक्राणु स्खलन के समय नहीं निकलते और निषेचन नहीं हो पाता है यह क्रिया वैसेक्टॉमी कहलाती है। यह भी परिवार नियोजन की एक विधि है।
प्रश्न :- वैसेक्टोमी और ट्यूबेक्टमी में अंतर लिखिए।
उत्तर:- वैसेक्टोमी और ट्यूवेक्टोमी में अंतर निम्नलिखित हैं-
Tubectomy Aur Vasectomy Mein Antar
प्रश्न :- एम्नियोसेण्टेसिस क्या है? इसका महत्व लिखिए।
उत्तर:- एम्नियोसेण्टेसिस:- एम्नियोसेण्टेसिस भ्रूण परीक्षण की एक तकनीक है जिसमें सर्जिकल सुई द्वारा मादा के गर्भाशय से एम्नियोटिक द्रव को शरीर से बाहर निकाला जाता है और एम्नियोटिक द्रव में उपस्थित फोयटस कोशा का संवर्धन किया जाता है।
एम्नियोसेण्टेसिस का महत्व निम्नलिखित है-
(1) गुणसूत्रीय असामान्यता,जैसे-- डाउन सिण्ड्रोम, फिलोडेल्फिया सिण्ड्रोम एवं एडवर्ड सिण्ड्रोम।
(2) उपापचयी अनियमितताएँ, जैसे-- PKU, क्रिटेनिज्म, एल्केप्टोन्यूरिया।
(3) लिंग भ्रूण के परीक्षण में इसका उपयोग किया जाता है।