ट्यूबेक्टमी और वैसेक्टोमी क्या है? इनमें अंतर लिखिए|| Vasectomy Aur Tubectomy kya hai ||
प्रश्न :- ट्यूबेक्टमी और वैसेक्टोमी को समझाइए।
उत्तर:- ट्यूबेक्टमी:- इसे सामान्यता मादा नसबंदी भी कहते हैं। इसमें स्त्री की अंडवाहिनी को काटकर बांध दिया जाता है जिससे अंडाणु गर्भाशय में नहीं आ पाते और निषेचन नहीं हो पाता है, इसे ट्यूबेक्टमी कहते हैं। यह परिवार नियोजन की एक विधि है।
वैसेक्टोमी:- इसे सामान्यता पुरुष नसबंदी भी कहते हैं। इसमें पुरुष के शुक्राणु नलिका को काटकर बांध दिया जाता है जिससे शुक्राणु स्खलन के समय नहीं निकलते और निषेचन नहीं हो पाता है यह क्रिया वैसेक्टॉमी कहलाती है। यह भी परिवार नियोजन की एक विधि है।
प्रश्न :- वैसेक्टोमी और ट्यूबेक्टमी में अंतर लिखिए।
उत्तर:- वैसेक्टोमी और ट्यूवेक्टोमी में अंतर निम्नलिखित हैं-
Tubectomy Aur Vasectomy Mein Antar
| वैसेक्टोमी (Vasectomy ) | ट्यूबेक्टमी (Tubectomy) |
1 | इसे सामान्यता पुरुष नसबंदी कहते हैं। | इसे सामान्यता स्त्री नसबंदी कहते हैं। |
2 | यह नर बंध्यकरण है। | यह मादा बंध्यकरण है। |
3 | इसमें शुक्राणु नलिका को काटकर बांध दिया जाता है। | इसमें अंडवाहिनी को काटकर बांध दिया जाता है। |
4 | इस प्रक्रिया में शुक्राणुओं का मोचन सहवास के समय मादा की योनि(Vagina) में नहीं होता है। | इस प्रक्रिया के फलस्वरुप अण्डाणु एवं शुक्राणु का मिलन नहीं हो पाता है। |
प्रश्न :- एम्नियोसेण्टेसिस क्या है? इसका महत्व लिखिए।
उत्तर:- एम्नियोसेण्टेसिस:- एम्नियोसेण्टेसिस भ्रूण परीक्षण की एक तकनीक है जिसमें सर्जिकल सुई द्वारा मादा के गर्भाशय से एम्नियोटिक द्रव को शरीर से बाहर निकाला जाता है और एम्नियोटिक द्रव में उपस्थित फोयटस कोशा का संवर्धन किया जाता है।
एम्नियोसेण्टेसिस का महत्व निम्नलिखित है-
(1) गुणसूत्रीय असामान्यता,जैसे-- डाउन सिण्ड्रोम, फिलोडेल्फिया सिण्ड्रोम एवं एडवर्ड सिण्ड्रोम।
(2) उपापचयी अनियमितताएँ, जैसे-- PKU, क्रिटेनिज्म, एल्केप्टोन्यूरिया।
(3) लिंग भ्रूण के परीक्षण में इसका उपयोग किया जाता है।
प्रश्न :- भ्रूणकोष तथा भ्रूणपोष में अंतर लिखिए।
उत्तर:- भ्रूणकोष और भ्रूणपोष में अंतर निम्नलिखित हैं-
| भ्रूणकोष (Embryo sac) | भ्रूणपोष (Endosperm) |
1 | यह अगुणित रचना है। | यह त्रिगुणित रचना होती है। |
2 | यह बीजांड में पाया जाता है। | यह बीजों में होता है। |
3 | इसका निर्माण निषेचन क्रिया से पूर्व होता है। | यह निषेचन क्रिया के पश्चात बनता है। |
4 | इनमें भोजन संचित नहीं होता है। | इसमें भोजन संचित होता है। |
5 | इसमें प्रतिमुख कोशाएँ,अंड कोशा, सहायक कोशाएँ तथा मध्य में दो ध्रुवीय केंद्रक होते हैं। | भ्रूणपोष में प्रतिमुख कोशा, अंड कोशा , सहायक कोशा इत्यादि नहीं होता सभी कोशाएँ समान होती हैं। |
प्रश्न :- बीज और बीजांड में अंतर लिखिए।
उत्तर:- बीज और बीजांड में अंतर निम्नलिखित हैं-
| बीज(Seed) | बीजांड(Ovule) |
1 | बीज का निर्माण फल में होता है बीजांड ही निषेचन के पश्चात बीज बनता है। | बीजांड अंडाशय में निषेचन से पूर्व पाई जाने वाली महाबीजाणु धानी है। |
2 | बीज में भ्रूण कोष नहीं होता है। | बीजांड में भ्रूण कोष होता है। |
3 | बीज में बीजांड काय अनुपस्थित या पतली पर्त के रूप में होता है, जिसे पेरिस्पर्म कहते हैं। | बीजांड में मुख्य ऊत्तक बीजांड काय होता है। |
4 | बीज में भ्रूण होता है। | बीजांड में भ्रूण नहीं होता है। |
5 | बीज में भ्रूणपोष हो सकता है। | बीजांड में भ्रूणपोष नहीं होता है। |
6 | बीज अंकुरित होकर नया पौधा बनाता है। | बीजांड का अंकुरण नहीं होता है। |
प्रश्न :- जूस्पोर ( अलैंगिक चल बीजाणु) तथा युग्मनज के बीच विभेद कीजिए।
अथवा
प्रश्न:- जूस्पोर और युग्मनज मैं अंतर लिखिए।
उत्तर:-जूस्पोर और युग्मनज में अंतर निम्नलिखित है-
| जूस्पोर(Zoospores) | युग्मनज(Zygote) |
1 | अलैंगिक जनन से संबंधित संरचना है। | लैंगिक जनन में पाया जाता है। |
2 | यह प्रायः अगुणित होते हैं। | यह द्विगुणित होते हैं। |
3 | इसमें एक ही जनक के लक्षण होते हैं। | क्योंकि यह नर व मादा युग्मकों के संलयन से बनता है अतः इसमें दो जनकों के लक्षण पाए जाते हैं। |
4 | जूस्पोर चल होते हैं। | यह प्रायः अचल होते हैं। |