प्रतिजनन क्षमता औषधि क्या है? उदाहरण सहित/What is antifertility drug? Write with examples
प्रतिजनन क्षमता औषधि क्या है उदाहरण सहित लिखिए?
उत्तर:– प्रतिजनन क्षमता औषधि(Anti fertility drugs):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जिनका उपयोग महिलाओं में गर्व का नियंत्रण(Birth control ) करने के लिए किया जाता है प्रीतिजनन क्षमता औषधियाँ या गर्भनिरोधक औषधियाँ कहलाती हैं।
यह औषधियाँ महिलाओं मासिक स्त्राव चक्र और अंडोत्सर्ग को नियंत्रित करती हैं इन सभी औषधियों में ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं जो महिला सेक्स हार्मोन से संबंधित होते हैं यह प्रायः संश्लेषित एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन व्यत्पन्नों के मिश्रण होते हैं। इनका उपयोग प्रायः Oral Pills के रूप में किया जाता है जैसे- एक प्रचलित गर्भनिरोधक औषधी एनोविड-ई है। जिसमें नॉन एथिन ड्रॉन और मेन्स्ट्रानॉल नामक रासायनिक यौगिक पाए जाते हैं।
ज्वर निवारक क्या है? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:– ज्वर निवारक(Anti Pyretics ):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जिनका उपयोग शरीर के तापक्रम को कम करने के लिए किया जाता है ज्वर निवारक कहलाते हैं। उदाहरण:– एस्प्रिन, पेरासिटामोल,एनालजिन , फिनेसेटिन आदि।
उपरोक्त औषधियों का उपयोग ज्वर निवारक और दर्द निवारक दोनों रूपों में किया जाता है।
रोगाणुनाशी (कीटाणुनाशी) क्या है? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:–
रोगाणुनाशी या कीटाणुनाशी (Dis infectants):- ऐसी रासायनिक पदार्थ जो बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देते हैं किंतु जीवित ऊत्तकों को नुकसान पहुंचाते हैं रोगाणुनाशी ,कीटणुनाशी या वीसंक्रामी कहलाते हैं।
क्योंकि यह पदार्थ जीवित ऊत्तकों को नुकसान पहुंचाते हैं इसलिए इनका उपयोग त्वचा की सतह पर लगाने में नहीं किया जा सकता है इनका उपयोग निर्जीव वस्तुओं जैसे- फर्श , नालियों, शल्य चिकित्सा में प्रयुक्त होने वाले यंत्रों, वस्त्रों आदि को रोगाणु रहित बनाने में किया जाता है जैसे- फिनॉल, क्रिसॉल ,हाइड्रोजन पराक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, क्लोरीन आदि।
प्रतिअम्ल क्या है उदाहरण सहित लिखिए
उत्तर:– प्रतिअम्ल (Antacid ):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जो अमाशय में उत्पन्न हुए अम्ल की अधिकता को उदासीन करके द्रव का पी.एच.(pH ) उपयुक्त स्तर पर ले आते है। प्रतिअम्ल या एण्टासिड कहलाते हैं एण्टासिड का मुख्य कार्य गैस्ट्रिक जूस में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के आधिक्य को उदासीन करना है।
सामान्य रूप से प्रयुक्त होने वाले एण्टासिड मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड ,एल्यूमीनियम हाइड्रोक्साइड आदि है, किंतु यह पदार्थ केवल रोगों के लक्षणों को नियंत्रित करते हैं, कारण को नहीं ,अतः आजकल कुछ अन्य एण्टासिड भी प्रयुक्त किए जाते हैं जो आमाशय में अम्ल के अधिक उत्पादन को रोक देते हैं। जैसे- ओमेप्रेजॉल, लेन्सोप्रेजॉल रैनिटिडीन आदि।
प्रश्न 1. :- दर्द निवारक या पीड़ा हारी किसे कहते हैं?
उत्तर:-
दर्द निवारक या पीड़ा हारी(Analgesics ):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जिनका उपयोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है दर्द निवारक या पीड़ा हारी कहलाते हैं। एक रसायन रक्त में पहुंचकर दर्द की सूचना देने वाले तंत्र को निष्क्रिय कर देते हैं तथा कुछ रसायन ऐसे भी होते हैं जिनके नींद आ जाती है और इस प्रकार दर्द का एहसास नहीं होता है।
इन्हें दो वर्गों में बांटा गया है-
1.स्वापक(Narcotics ):- यह ऐसे पीड़ा हारी हैं जो दर्द दूर करने के साथ-साथ निद्रा और संज्ञाविहीनता उत्पन्न करते हैं इनके बहुदा उपयोग से आदत (लत) पड़ जाती हैं। यह पीड़ा हारी मुख्यतः शल्य क्रिया के बाद होने वाली पीड़ा हृदयशूल, प्रसव पीड़ा आदि में दिए जाते हैं। जैसे- मार्फिन, कोकीन, हीरोइन और अफीम आदि।
2.अस्वापक(Non - Narcotic ):- यह औषधियां पीड़ा कम करती हैं और साथ में शरीर का ताप भी कम करती हैं इन औषधियों में लत(Addiction ) का गुण नहीं पाया जाता है। जैसे- एस्प्रिन, पेरासिटामोल ,फिनेसेटिन आइब्यूपोफेन आदि।
प्रश्न :- पूतिरोधी किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए।
(3).पूतिरोधी(Antiseptic ):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जो सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोक सकते हैं अथवा सूचना जीवो को नष्ट कर देते हैं किंतु जीवित ऊत्तकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते पूतिरोधी(Antiseptic ) कहलाते हैं इनका उपयोग घाव, अल्सर, चोट आदि में त्वचा की सतह पर लगने में किया जाता है। जैसे- डिटॉल, बोरिक अम्ल, आयोडीन, यूरोट्रोपिन आदि।
कुछ पूतिरोधी घाव को ठीक करने के लिए खाए भी जाते हैं जैसे- सेप्ट्रॉन, विक्ट्रिम आदि।
प्रश्न :- निम्न को समझाइए-
(1) दर्द निवारक
(2) ज्वर निवारक
(3) पूतिरोधी
(4) रोगाणुनाशी
(5) प्रशांतक
(6) प्रतिअम्ल
(7) प्रतिजनन क्षमता औषधि
प्रश्न 1. :- दर्द निवारक या पीड़ा हारी किसे कहते हैं?
उत्तर:-
दर्द निवारक या पीड़ा हारी(Analgesics ):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जिनका उपयोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है दर्द निवारक या पीड़ा हारी कहलाते हैं। एक रसायन रक्त में पहुंचकर दर्द की सूचना देने वाले तंत्र को निष्क्रिय कर देते हैं तथा कुछ रसायन ऐसे भी होते हैं जिनके नींद आ जाती है और इस प्रकार दर्द का एहसास नहीं होता है।
इन्हें दो वर्गों में बांटा गया है-
1.स्वापक(Narcotics ):- यह ऐसे पीड़ा हारी हैं जो दर्द दूर करने के साथ-साथ निद्रा और संज्ञाविहीनता उत्पन्न करते हैं इनके बहुदा उपयोग से आदत (लत) पड़ जाती हैं। यह पीड़ा हारी मुख्यतः शल्य क्रिया के बाद होने वाली पीड़ा हृदयशूल, प्रसव पीड़ा आदि में दिए जाते हैं। जैसे- मार्फिन, कोकीन, हीरोइन और अफीम आदि।
2.अस्वापक(Non - Narcotic ):- यह औषधियां पीड़ा कम करती हैं और साथ में शरीर का ताप भी कम करती हैं इन औषधियों में लत(Addiction ) का गुण नहीं पाया जाता है। जैसे- एस्प्रिन, पेरासिटामोल ,फिनेसेटिन आइब्यूपोफेन आदि।
(2).ज्वर निवारक(Anti Pyretics ):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जिनका उपयोग शरीर के तापक्रम को कम करने के लिए किया जाता है ज्वर निवारक कहलाते हैं। जैसे- एस्प्रिन, पेरासिटामोल,एनालजिन , फिनेसेटिन आदि।
उपरोक्त औषधियों का उपयोग ज्वर निवारक और दर्द निवारक दोनों रूपों में किया जाता है।
प्रश्न :- पूतिरोधी किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए।
(3).पूतिरोधी(Antiseptic ):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जो सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोक सकते हैं अथवा सूचना जीवो को नष्ट कर देते हैं किंतु जीवित ऊत्तकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते पूतिरोधी(Antiseptic ) कहलाते हैं इनका उपयोग घाव, अल्सर, चोट आदि में त्वचा की सतह पर लगने में किया जाता है। जैसे- डिटॉल, बोरिक अम्ल, आयोडीन, यूरोट्रोपिन आदि।
कुछ पूतिरोधी घाव को ठीक करने के लिए खाए भी जाते हैं जैसे- सेप्ट्रॉन, विक्ट्रिम आदि।
(4). रोगाणुनाशी या कीटाणुनाशी (Dis infectants):- ऐसी रासायनिक पदार्थ जो बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देते हैं किंतु जीवित ऊत्तकों को नुकसान पहुंचाते हैं रोगाणुनाशी ,कीटणुनाशी या वीसंक्रामी कहलाते हैं।
क्योंकि यह पदार्थ जीवित ऊत्तकों को नुकसान पहुंचाते हैं इसलिए इनका उपयोग त्वचा की सतह पर लगाने में नहीं किया जा सकता है इनका उपयोग निर्जीव वस्तुओं जैसे- फर्श , नालियों, शल्य चिकित्सा में प्रयुक्त होने वाले यंत्रों, वस्त्रों आदि को रोगाणु रहित बनाने में किया जाता है जैसे- फिनॉल, क्रिसॉल ,हाइड्रोजन पराक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, क्लोरीन आदि।
(5). प्रशांतक(Tranquilizer ):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जिनका उपयोग तनाव कम करने और मानसिक रोगों के उपचार में किया जाता है प्रशांतक कहलाते हैं।
यह पदार्थ रोगी के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं तथा उत्तेजित मानसिकता को कम करके शांति पहुंचाते हैं। अतः इन्हें साइकोथैरोप्टिक ड्रग्स बी कहते हैं .
इन्हें दो वर्गों में बांटा गया है-
(1). सम्मोहक(Hypnotic):- ऐसे प्रशांतक हैं जिनके द्वारा मानसिक तनाव और चिंता दूर की जाती है रसायन निद्रा जनक होते हैं। जैसे-सेकोनल, ल्यूमिनल , एमिटोल, वारविट यूरिक अम्ल।
(2).विसम्मोहक(Non -Hypnotic ):- यह रसायन तनाव दूर करने वाले अपेक्षाकृत मंद प्रशांतक हैं। यह निद्रा जनक नहीं होते है ,किंतु उत्तेजित मानसिकता को शांत कर के रोगी को लाभ पहुंचाते हैं। इन्हें शांतिकर या समक (Sedatuves) भी कहते हैं। जैसे-इक्वेनिल, वेलियम , रेसरप्रिन , सेरोटोनिन आदि।
(6).प्रतिअम्ल (Antacid ):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जो अमाशय में उत्पन्न हुए अम्ल की अधिकता को उदासीन करके द्रव का पी.एच.(pH ) उपयुक्त स्तर पर ले आते है। प्रतिअम्ल या एण्टासिड कहलाते हैं एण्टासिड का मुख्य कार्य गैस्ट्रिक जूस में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के आधिक्य को उदासीन करना है।
सामान्य रूप से प्रयुक्त होने वाले एण्टासिड मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड ,एल्यूमीनियम हाइड्रोक्साइड आदि है, किंतु यह पदार्थ केवल रोगों के लक्षणों को नियंत्रित करते हैं, कारण को नहीं ,अतः आजकल कुछ अन्य एण्टासिड भी प्रयुक्त किए जाते हैं जो आमाशय में अम्ल के अधिक उत्पादन को रोक देते हैं। जैसे- ओमेप्रेजॉल, लेन्सोप्रेजॉल रैनिटिडीन आदि।
(7).प्रतिजनन क्षमता औषधि(Anti fertility drugs ):- ऐसे रासायनिक पदार्थ जिनका उपयोग महिलाओं में गर्व का नियंत्रण(Birth control ) करने के लिए किया जाता है प्रीतिजनन क्षमता औषधियाँ या गर्भनिरोधक औषधियाँ कहलाती हैं। यह औषधियां महिलाओं मासिक स्त्राव चक्र और अंडोत्सर्ग को नियंत्रित करती हैं इन सभी औषधियों में ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं जो महिला सेक्स हार्मोन से संबंधित होते हैं यह प्रायः संश्लेषित एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन व्यत्पन्नों के मिश्रण होते हैं। इनका उपयोग प्रायः Oral Pills के रूप में किया जाता है जैसे- एक प्रचलित गर्भनिरोधक औषधी एनोविड-ई है। जिसमें नॉन एथिन ड्रॉन और मेन्स्ट्रानॉल नामक रासायनिक यौगिक पाए जाते हैं।