संक्रमण तत्व अंतराकाशी या अंतराली यौगिक क्यों बनाते है?/Why do transition elements form interstitial or interstitial compounds?
प्रश्न :- संक्रमण तत्व अंतराकाशी या अंतराली यौगिक क्यों बनाते हैं?
उत्तर:- संक्रमण तत्वों के परमाणु आकार कम होने के कारण इनके क्रिस्टल जालक में बनने वाली रिक्तियों का आकार भी कम होता है इसलिए इन रिक्तियों में कार्बन, हाइड्रोजन ,नाइट्रोजन आदि अधातुओं के परमाणु आसानी से प्रविष्ट हो जाते हैं और इस प्रकार जो योगिक प्राप्त होते हैं उन्हें अंतराकाशी योगिक या अंतराली योगिक कहते हैं।
प्रश्न :- संक्रमण तत्व कम क्रियाशील होते हैं क्यों?
उत्तर:- संक्रमण तत्वों का परमाणु आकार कम होता है तथा अंतिम इलेक्ट्रॉन (n-1)d उपकोश में प्रवेश करते हैं । इस कारण इनकी आयनन एंथैल्पी उच्च होती है इसके अलावा इनकी उर्ध्वपातन ऊष्मा का मान उच्च होता है तथा इनके आयनों की जलयोजन ऊष्मा का मान निम्न होता है। उपरोक्त कारणों से संक्रमण तत्व कम क्रियाशीलता प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न2 :- संक्रमण तत्व धात्विक गुण प्रदर्शित करते हैं क्यों?
उत्तर:- सभी संक्रमण तत्व धातुएँ हैं। संक्रमण तत्वों के वाहतम कोश में एक या दो इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं। जिन्हें त्याग कर यह तत्व धातु की तरह व्यवहार प्रदर्शित करते हैं। इनके d उपकोश में आयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं जिनकी सहायता से इनके परमाणुओं एक दूसरे के साथ धात्विक बंध निर्मित करते हैं।
उपरोक्त कारणों से संक्रमण तत्वों में धातुओं के विभिन्न निर्गुण जैसे- कठोरता, तन्यता, आघात वर्धनीयता, धात्विक चमक, चालकता आदि गुण पाए जाते हैं।
प्रश्न :- संक्रमण धातुओं के गलनांक और क्वथनांक उच्च होते हैं क्यों?
उत्तर:- संक्रमण धातुओं के गलनांक और क्वथनांक उच्च होते हैं इसका कारण यह है कि इनके (n-1)d उपकोश में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं। जिनकी सहायता से इनके परमाणु आपस में प्रबल धात्विक बंध बनाते हैं।
संक्रमण तत्वों के d उपकोश में जितने अधिक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं उनके गलनांक और क्वथनांक उतने ही उच्च होते हैं।
प्रश्न1 :- संक्रमण तत्व क्या है संक्रमण तत्वों के गुण लिखिए।
उत्तर:-
संक्रमण तत्व की परिभाषा:-S और P ब्लॉक के मध्य रखे गए ऐसे तत्व जिनमें दो वाहतम कक्षाएँ अपूर्ण होती हैं। संक्रमण तत्व कहलाते हैं क्योंकि इन तत्वों में अंतिम इलेक्ट्रॉन (n-1)d उपकोश में प्रवेश करते हैं इसलिए इन्हें d ब्लॉक के तत्व भी कहते हैं।
इन्हें संक्रमण तत्व इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन्हें आवर्त सारणी में S और P ब्लॉक के तत्वों के मध्य रखा गया है तथा इनके गुण S और P ब्लॉक के तत्वों के गुणों के मध्यवर्ती होते हैं इस प्रकार संक्रमण तत्व S और P ब्लॉक के मध्य सेतु(Bridge) का कार्य करते हैं।
संक्रमण तत्वों के गुण:- संक्रमण तत्वों के गुण निम्नलिखित हैं-
(1) सभी संक्रमण तत्व धातुएँ होती है।
(2) संक्रमण तत्वों के गलनांक और क्वथनांक उच्च होते हैं।
(3) संक्रमण तत्व कम क्रियाशील होते हैं।
(4) संक्रमण तत्व अंतराकाशी यौगिक बनाते हैं।
(5) संक्रमण तत्व मिश्र धातुएँ में बनाते हैं।
(6) संक्रमण तत्वों में संकुल यौगिक बनने की प्रवृत्ति होती है।
(7) संक्रमण तत्व परिवर्ती संयोजकता प्रदर्शित करते हैं।
(8) संक्रमण तत्व रंगीन आयन और रंगीन यौगिक बनाते हैं।
(9) अधिकांश संक्रमण तत्व अनुचुंबकीय गुण प्रदर्शित करते हैं.
(10) संक्रमण तत्व और उनके योगिक उत्प्रेरक का गुण प्रदर्शित करते हैं।
(11) संक्रमण तत्वों में दो वाहतम कक्षाएँ अपूर्ण होती हैं।
प्रश्न2 :- संक्रमण तत्व धात्विक गुण प्रदर्शित करते हैं क्यों?
उत्तर:- सभी संक्रमण तत्व धातुएँ हैं। संक्रमण तत्वों के वाहतम कोश में एक या दो इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं। जिन्हें त्याग कर यह तत्व धातु की तरह व्यवहार प्रदर्शित करते हैं। इनके d उपकोश में आयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं जिनकी सहायता से इनके परमाणुओं एक दूसरे के साथ धात्विक बंध निर्मित करते हैं।
उपरोक्त कारणों से संक्रमण तत्वों में धातुओं के विभिन्न निर्गुण जैसे- कठोरता, तन्यता, आघात वर्धनीयता, धात्विक चमक, चालकता आदि गुण पाए जाते हैं।
प्रश्न :- संक्रमण धातुओं के गलनांक और क्वथनांक उच्च होते हैं क्यों?
उत्तर:- संक्रमण धातुओं के गलनांक और क्वथनांक उच्च होते हैं इसका कारण यह है कि इनके (n-1)d उपकोश में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं। जिनकी सहायता से इनके परमाणु आपस में प्रबल धात्विक बंध बनाते हैं।
संक्रमण तत्वों के d उपकोश में जितने अधिक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं उनके गलनांक और क्वथनांक उतने ही उच्च होते हैं।
प्रश्न :- संक्रमण तत्व कम क्रियाशील होते हैं क्यों?
उत्तर:- संक्रमण तत्वों का परमाणु आकार कम होता है तथा अंतिम इलेक्ट्रॉन (n-1)d उपकोश में प्रवेश करते हैं । इस कारण इनकी आयनन एंथैल्पी उच्च होती है इसके अलावा इनकी उर्ध्वपातन ऊष्मा का मान उच्च होता है तथा इनके आयनों की जलयोजन ऊष्मा का मान निम्न होता है। उपरोक्त कारणों से संक्रमण तत्व कम क्रियाशीलता प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न :- संक्रमण तत्व अंतराकाशी या अंतराली यौगिक क्यों बनाते हैं?
उत्तर:- संक्रमण तत्वों के परमाणु आकार कम होने के कारण इनके क्रिस्टल जालक में बनने वाली रिक्तियों का आकार भी कम होता है इसलिए इन रिक्तियों में कार्बन, हाइड्रोजन ,नाइट्रोजन आदि अधातुओं के परमाणु आसानी से प्रविष्ट हो जाते हैं और इस प्रकार जो योगिक प्राप्त होते हैं उन्हें अंतराकाशी योगिक या अंतराली योगिक कहते हैं।