SN1 और SN2 अभिक्रिया में अंतर/SN1 abhikriya aur SN2 abhikriya Mein antar
नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है, SN1 अभिक्रिया और SN2 अभिक्रिया किसे कहते हैं,SN1 अभिक्रिया और SN2 अभिक्रिया में अंतर लिखिए। क्योंकि यह परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है इसलिए आप इस पोस्ट को जरूर पढ़ें धन्यवाद।
नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन ( SN अभिक्रिया ) -
जब किसी यौगिक ने उपस्थित परमाणु या नाभिक स्नेही को अपेक्षाकृत प्रबल नाभिक स्नेही द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाता है तो इसे नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। जैसे - एल्किल हैलाइड को जलीय KoH द्वारा जल अपघटन कराने पर अल्कोहल प्राप्त होता है।
SN1 अभिक्रिया:– यह क्रिया 2 पद में संपन्न होती है। इनका वेग केवल क्रिया कारक की सांद्रता पर निर्भर करता है। विभिन्न हैलाइडों के लिए SN1 अभिक्रिया की क्रियाशीलता का क्रम निम्नलिखित है- 3°>2°>1°>CH3 X। इनका वेग ध्रुवीय विलायकों में बढ़ता है।
SN2 अभिक्रिया:– यह क्रिया एक ही पद में संपन्न होती है। इनका वेग क्रिया कारक और नाभिक स्नेही दोनों की सांद्रता पर निर्भर करता है। विभिन्न एल्किल हैलाइडों की क्रियाशीलता का क्रम निम्नलिखित है– CH3 X > 1°>2°>3°। इनका वेग ध्रुवीय विलायकों में घटता है।