प्रतिरोध, प्रतिघात और प्रतिबाधा में अंतर/pratirodh, pratighaat aur pratibaadha mein antar
प्रतिरोध किसे कहते हैं?
उत्तर– किसी चालक द्वारा दिष्ट धारा या प्रत्यावर्ती धारा के मार्ग में डाले गए अवरोध को उस चालक का प्रतिरोध कहते हैं।
प्रतिघात किसे कहते हैं?
उत्तर– प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में प्रेरक कुंडली या संधारित्र में से किसी एक के उपस्थित होने पर परिपथ के प्रतिरोध को प्रतिघात कहते हैं। इसे X से प्रदर्शित करते हैं। इसका मात्रक ओम होता है।
प्रतिबाधा किसे कहते हैं?
उत्तर– प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में ओमीय प्रतिरोध, प्रेरक कुंडली और संधारित्र में से दो या दो से अधिक के उपस्थित होने पर परिपथ के प्रतिरोध को प्रतिबाधा कहते हैं। इसे Z प्रदर्शित करते हैं। इसका भी मात्रक ओम होता है।
प्रतिरोध, प्रतिघात और प्रतिबाधा में अंतर/Difference between resistance, reactance and impedance
प्रत्यावर्ती धारा किसे कहते हैं?
प्रत्यावर्ती धारा:–– प्रत्यावर्ती धारा उस धारा को कहते हैं जिसके परिणाम और दिशा समय के साथ आवर्ती रूप से निरंतर बदलते रहते हैं। डायनेमो या जनरेटर से प्राप्त धारा प्रत्यावर्ती धारा होती है। प्रत्यावर्ती धारा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर बहुत आसानी से पहुंचाया जा सकता है। परंतु कुछ स्थान ऐसे होते हैं जहां प्रत्यावर्ती धारा प्रयोग ही नहीं की जा सकती है। प्रत्यावर्ती धारा दिष्ट धारा की तुलना में अधिक खतरनाक होती है। प्रत्यावर्ती धारा जब तारों में बहती है तो उसका अधिकांश भाग तार के सिरों पर ही प्रवाहित होता है। इसलिए इसके तारों को मोटा बनाने की वजह पतले पतले तारों को मिलाकर एक मोटे तार में परिवर्तितकर दिया जाता है।
दिष्ट धारा किसे कहते हैं?
दिष्ट धारा:–– दिष्ट धारा उस धारा को कहते हैं जिस की दिशा नियत होती है, परिमाण बदले या न बदले तो इसे दिष्ट धारा कहते हैं।क्योंकि ट्रांसफार्मर का उपयोग केवल ac धारा में ही होता है। इसलिए दिष्ट धारा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में ज्यादा खर्चा तथा ऊर्जा की हानि भी अधिक होती है। जिन स्थानों पर प्रत्यावर्ती धारा का प्रयोग नहीं किया जा सकता है फिर वहां दिष्ट धारा का ही उपयोग किया जाता है। जैसे विद्युत चुंबक बनाने में। दिष्ट धारा प्रत्यावर्ती धारा की तुलना में कम खतरनाक होती है। दिष्ट धारा आसानी से किसी भी तार में बह सकती है।
प्रत्यावर्ती धारा की विशेषताएँ–
1. इसमें परिमाण और दिशा आवर्ती रूप में बदलते रहते हैं।
2. इस धारा को मापने वाले उपकरण धारा के उष्मीय प्रभाव पर आधारित हैं।
3. विद्युत चुंबक बनाने या विद्युत लेपन में इस धारा का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
4. इस धारा में ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है।
5. यह धारा दिष्ट धारा से अधिक खतरनाक है।
6. यह धारा चुंबकीय या रासायनिक प्रभाव प्रदर्शित नहीं करती, केवल उष्मीय प्रभाव प्रदर्शित करती है।
दिष्ट धारा की विशेषताएँ:––
1.इसमें दिशा नियत रहती हैं परिमाण बदले या ना बदले ।
2.इस धारा को मापने वाले उपकरण धारा के चुंबकीय प्रभाव पर आधारित हैं।
3.विद्युत चुंबक बनाने या विद्युत लेपन में इस धारा को प्रयोग किया जाता है।
4.इस धारा में ट्रांसफार्मर का उपयोग नहीं किया जाता है।
5.यह धारा प्रत्यावर्ती धारा से कम खतरनाक है।
6.यह धारा चुंबकीय, रासायनिक और उष्मीय तीनों प्रभाव प्रदर्शित करती है।
प्रत्यावर्ती धारा और दिष्ट धारा में अंतर/ac aur dc current mein antar
प्रत्यावर्ती धारा और दिष्ट धारा में अंतर